डॉ.बी.आर.अम्बेडकर के 21 अनमोल विचार | B R Ambedkar Inspirational Quotes in Hindi

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डॉ.बी.आर.अम्बेडकर के 21 अनमोल विचार
B R Ambedkar Inspirational Quotes in Hindi

 

नाम: डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर , बाबासाहेब 

जन्म: 14 अप्रैल, 1891 महू, मध्य प्रांत, ब्रिटिश भारत (अब मध्य प्रदेश, भारत में) 

राष्ट्रीयता: भारतीय

धर्म: बौद्ध धम्म

जीवन संगी: 1. रमाबाई आम्बेडकर 2. डॉ॰ सविता आम्बेडकर 

मृत्यु: 6 दिसम्बर 1956 (65) नयी दिल्ली, भारत

Profession: विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्, दार्शनिक, लेखक पत्रकार, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर, संपादक

उपलब्धियां: 

  • स्वतंत्र भारत के संविधान की रचना करने के लिए संविधान सभा द्वारा गठित ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष चुने गए
  • भारत के प्रथम कानून मंत्री
  • 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया |

 

 

भीमराव अम्बेडकर पुस्तकें: 

  • शूद्रों की खोज
  • अछूत कौन और कैसे?
  • भारत का राष्ट्रीय अंश
  • भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण
  • कांग्रेस और गाँधी ने अछूतों के लिए क्या किया
  • मूल नायक (साप्ताहिक)
  • ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवादी वित्त का विकेंद्रीकरण
  • रुपये की समस्या: उद्भव और समाधान
  • ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का अभ्युदय
  • बहिष्कृत भारत (साप्ताहिक)
  • जनता (साप्ताहिक)
  • जाति विच्छेद
  • संघ बनाम स्वतंत्रता
  • पाकिस्तान पर विचार
  • श्री गाँधी एवं अछूतों की विमुक्ति
  • रानाडे, गाँधी और जिन्ना
  • महाराष्ट्र भाषाई प्रान्त
  • भगवान बुद्ध और उनका धर्म

भारत के संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर:

“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का महत्वयपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए।”

 

“भाग्य में नहीं, अपनी शक्ति में विश्वास रखो।”

 

मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं।

मैं रात भर इसलिये जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।

पति-पत्नी के बीच का संबंध घनिष्ठ मित्रों के संबंध के समान होना चाहिए।

जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।

हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

गुलाम बन कर जिओगे, तो कुत्ता समझ कर लात मारेगी ये दुनिया। नवाब बन कर जिओगे तो शेर समझ कर सलाम ठोकेगी।

जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।

एक इतिहासकार, सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए।

एक महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।

बुद्धि का विकास मनुष्य के प्रगति का आखिरी लक्ष्य होना चाहिए।

हर व्यक्ति जो ‘मिल’ के सिद्धांत कि ‘एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता’ को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि ‘एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता |

न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।

मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाईयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं।

मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।

संविधान, यह एक मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं, यह जीवन का एक माध्यम है।

राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।

यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।

यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरूपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

हमारे पास यह आज़ादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।

कानून और व्यवस्‍‍था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।

जो धर्म जन्म से एक को ‘श्रेष्ठ’ और दूसरे को ‘नीच’ बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।

मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

                                                                                                                                        B. R. Ambedkar  बी.आर.अम्बेडकर

 

 

 

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Shweta Pratap

I am a defense geek

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