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Category: संस्कृत श्लोक सुभाषित संग्रह हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित | Collection of Sanskrit Shloka with Meaning
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व्यालाश्रयापि विकलापि सकण्टकापि | vyalashrayapi vikalapi sakantakapi
गुणों की श्रेष्ठता पर संस्कृत श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित व्यालाश्रयापि विकलापि सकण्टकापि वक्रापि पङ्किलभवापि दुरासदापि | गन्धेन बन्धुरसि केतकि सर्वजन्ता- रेको गुणः खलु निहन्ति समस्त दोषान्|| – चाणक्य…
यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे | yasya krityam na jananti mantram va mantritam pare
गोपनीयता के महत्व पर श्लोक यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे | कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते || – महाभारत (विदुर नीति ) भावार्थ – जिस व्यक्ति…
क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति विज्ञाय चार्थं भजते न कामात | kshipram vijanati chiram shrinoti vijnaya chartham bhajate na kamata
एक विद्वान व्यक्ति के लक्षण पर श्लोक क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति विज्ञाय चार्थं भजते न कामात | ना संपृष्टो व्युपयुङ्क्ते परार्थे तत् प्रज्ञानं प्रथमं पण्डितस्य || -विदुर नीति भावार्थ- जो…
अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च | amitram kurute mitram mitram dveshti hinasti cha
मूर्खों की मित्रता के लक्षण पर श्लोक अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च | कर्म चारभते दुष्टं तमाहुर्मूढचेतसम् || – विदुर नीति भावार्थ – जो व्यक्ति मित्र बनाने के…