दिनकर की प्रसिद्द कविता क्षमा दया तप त्याग मनोबल: क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो, कहाँ, कब हारा? क्षमाशील हो रिपु-समक्ष तुम…
Category: वीर रस कविता
शिवा बावनी भूषण अर्थ सहित, साजि चतुरंग सैन अर्थ, कवि भूषण शिवाजी कविता
शिवा बावनी महाकवि भूषण द्वारा तब शिवाजी की वीरता में लिखी गई जब वो अपने जन्मस्थान कानपुर क्षेत्र को मुगलों के अत्याचार से छोड़ शिवाजी के राज्य आश्रय में चले…
Poem on Soldiers Sacrifice in Hindi | Poem on Indian Soldiers in Hindi
Indian Patriotic Shayari Hindi, Desh Bhakti Shayari in Hindi Language खौलता हुआ रगों में राणा व शिवाजी वाला, लहू का उफान कभी चुकने न पायेगा । पन्नाधाय हाडा रानी का…
नर हो, न निराश करो मन को
नर हो, न निराश करो मन को —–***—– नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करो जग में रह कर कुछ नाम करो यह जन्म…