100 दोस्ती पर शायरी हिंदी में
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर
चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
दोस्ती एक वो एहसास होता है,
जो अनजाने लोगो को भी पास लाता है,
जो हर पल साथ दे वही दोस्त कहलाता है,
वरना तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है।
दोस्ती तो एक झोंका है हवा का,
दोस्ती तो एक नाम है वफा का,
दूसरों के लिए चाहे कुछ भी हो,
हमारे लिए तो खुदा का हसीन तोहफा है दोस्ती का।
सच्चा दोस्त वही होता है जो हमे कभी गिरने न दे,
वो न कभी किसी की नज़रो में गिरने दे,
और न कभी किसी के कदमो में गिरने दे।
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
ज़िन्दगी के कुछ उलझे सवालो से डर लगता है,
जिंदगी में दिल की तन्हाइयो से डर लगता है,
ज़िन्दगी में एक सच्चा दोस्त तो मिल पाना मुश्किल होता है,
पर एक सच्चे दोस्त को खोने से डर लगता है।
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जाइए
हम को यारों ने याद भी न रखा
‘जौन’ यारों के यार थे हम तो
तेरी दोस्ती में ज़िन्दगी में तूफान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िन्दगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
अगर बात दिल से कही गई हो तो वो दिल को छू लेती है,
और कुछ बिन कही बात भी कुछ कह देती है,
कुछ लोग तो दोस्ती का मतलब ही बदल देते है,
और कुछ की तो दोस्ती से ही ज़िन्दगी बदल जाती है।
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होता
तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले
तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
ज़िन्दगी इतिहास फिर नही दोहराती,
हर पल हर मोड़ पर है दोस्तों की याद आती,
ज़िन्दगी दोस्ती के लम्हो में है गुम हो जाती,
उन लम्हो को सोच कर हमारी आँखे हैं नम हो जाती।
अच्छा और सच्चा दोस्त एक फूल है,
जिसे हम तोड़ भी नही सकते,
और अकेला छोड़ भी नही सकते,
अगर तोड़ लिया तो मुरझा जायेगा,
और छोड़ दिया तो कोई और ले जायेगा।
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे
ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
ज़िन्दगी के सारे गम क्यों बाँट लेते हैं दोस्त,
क्यों ज़िन्दगी में साथ देते हैं दोस्त,
रिश्ता तो सिर्फ उनसे दिल का होता है जी,
फिर भी क्यों हमे अपना मान लेते हैं दोस्त।
जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है,
तो उसे जताने की ज़रूरत नही होती है,
चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाये,
उसे पास लाने की ज़रूरत नही होती है।
लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
हम तिरी दोस्ती से डरते हैं
पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन
जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है
दोस्ती वो नही जो मिट जाये,
रास्तो की तरह कट जाये,
दोस्ती तो वो प्यारा एहसास है,
जिसमे सब कुछ पल भर में ही सिमट जाये।
उत्साह की परछाइयों का नाम है जिंदगी,
दुखों की गहराईओं का नाम है जिंदगी,
एक प्यारा सा दोस्त है हमारा यहाँ,
उसकी प्यारी सी खुशी का नाम है जिंदगी।
अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है
दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते जाइए
हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मिरे घर में आने लगे हैं
दुख बहुत होगा जब हम छोड़ के जाएंगे,
तड़पोगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,
जब साथ कोई ना दे तो हमें पुकार लेना ऐ दोस्त,
आसमां पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है
रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी है
ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूँ
दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा है
जब साथ बिताया समय याद आता है,
मेरी आंखों में आंसू छोड़ जाता है,
कोई और मिल जाये तो हमें न भूल जाना,
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी भर काम आता है।
ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर
तुझे टूटा हुआ देखकर ऐ दोस्त,
मैं खुद भी टूट जाता हूँ,
इसलिए तुझे समझाता हूँ,
और अकेले मैं रोने बैठ जाता हूँ।
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
Dosti Shayari in Hindi
तू मिला नही है हमसे पर पास भी है,
हमे तेरी कमी का अहसास भी है,
दोस्त तो हमारे लाखों हैं इस जहाँ में,
पर तू कमीना भी है और खास भी है।
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में
जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते हैं
दोस्ती और किसी ग़रज़ के लिए
वो तिजारत है दोस्ती ही नहीं
मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी
दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे,
तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे,
रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर,
यह बात और है जिन्दगी वफा न करे।
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें
दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते नहीं
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या क्या
रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते हैं
आग तो तूफान में भी जल जाती हैं,
पुष्प तो काँटो में भी खिल जाते हैं,
मस्त बहुत होती हैं वो शाम,
दोस्त आप जैसे जहां मिल जाते हैं।
फ़ाएदा क्या सोच आख़िर तू भी दाना है ‘असद’
दोस्ती नादाँ की है जी का ज़ियाँ हो जाएगा
संग रहते यूँ ही समय निकल जायेगा,
तन्हाइयों में होने के बाद कौन किसके बारे में सोच के याद आयेगा,
जी लो इस पल को जब हम साथ हैं यारों,
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।
दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो
मैं तुम्हारी दोस्ती में मेहरबाँ मारा गया
मित्रता पर शेर
चाँद की दूरी एक रात तक है,
सूरज की दूरी बस दिन तक है,
हम दोस्ती में वक़्त नहीं देखते,
क्यूंकि हमारी दोस्ती की हद हमारी आखिरी साँस तक है।
मुझे दुश्मन से अपने इश्क़ सा है
मैं तन्हा आदमी की दोस्ती हूँ
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो ख़ुशी देती है,
दोस्तों, सच्ची दोस्ती तो वो है,
जो पानी में गिरा हुआ दोस्त का आंसू भी पहचान लेती है।
कामयाबी हमेशा हौसलों से मिलती है,
हौसले हमेशा दोस्तों से मिलते हैं,
अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं,
और आप जैसे दोस्त नसीब से मिलते हैं।
‘शाइर’ उन की दोस्ती का अब भी दम भरते हैं आप
ठोकरें खा कर तो सुनते हैं सँभल जाते हैं लोग
दोस्ती का वो पुराना पल याद आता है,
मेरी आँखों को भर जाता है,
तेरी दोस्ती सदा जिंदा रहे,
यही हमारा दिल चाहता है।
निगाह-ए-नाज़ की पहली सी बरहमी भी गई
मैं दोस्ती को ही रोता था दुश्मनी भी गई
जिंदगी के सफर मे हम गरीब क्या हुए,
वो दोस्त भी साथ छोड़ गए जो कभी करीब हुए,
जिंदगी भर साथ रहने की जो कसम खाते थे,
आज वो हमें बीच राह में छोड़के अनक़रीब हुए।
कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती
ये न समझे थे कि दुश्मन आसमाँ हो जाएगा