खुशी की शायरी इन हिंदी | Happiness Shayari in Hindi

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खुशी की शायरी इन हिंदी

फूल बनकर मुस्‍कुराना है जिंदगी,
मुस्‍कुराते हुए सब गम भुलाना है जिंदगी,
जीत का जश्‍न तो हर कोई मना लेता है,
हार कर खुशियां मनाना भी है जिंदगी!

 

अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे

 

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया

 

एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी
एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया

 

ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए

 

पलकों को झुका कर सलाम करते है
दिल की हर दुआ आपके नाम करते है
कबूल हो तो बस मुस्कुरा देना,
आपके मुस्कराहट पर तो
पूरी ज़िन्दगी कुर्बान करते है

 

अहबाब को दे रहा हूँ धोका
चेहरे पे ख़ुशी सजा रहा हूँ

 

मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न दे ख़ुशी इतनी
कि मैं ख़ुशी को भी ले कर ख़राब कर दूँगा

 

मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है
ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है

 

ऐश ही ऐश है न सब ग़म है
ज़िंदगी इक हसीन संगम है

 

मसर्रत ज़िंदगी का दूसरा नाम
मसर्रत की तमन्ना मुस्तक़िल ग़म

 

वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझे ये ख़ुशी है
कि पास उन के रहता हूँ मैं दूर हो कर

Happiness Shayari in Hindi

सुनते हैं ख़ुशी भी है ज़माने में कोई चीज़
हम ढूँडते फिरते हैं किधर है ये कहाँ है

 

तमाम उम्र ख़ुशी की तलाश में गुज़री
तमाम उम्र तरसते रहे ख़ुशी के लिए

 

जैसे उस का कभी ये घर ही न था
दिल में बरसों ख़ुशी नहीं आती

 

अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में
तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता

 

सौत क्या शय है ख़ामुशी क्या है
ग़म किसे कहते हैं ख़ुशी क्या है

 

फिर दे के ख़ुशी हम उसे नाशाद करें क्यूँ
ग़म ही से तबीअत है अगर शाद किसी की

 

वस्ल की रात ख़ुशी ने मुझे सोने न दिया
मैं भी बेदार रहा ताले-ए-बेदार के साथ

 

मैं जीने की तमन्ना लेके जाता हूँ रोज़ उसके पास,
वो रोज़ अपनी मुस्कुराहट से, मेरा क़त्ल कर जाती हैं !!

 

मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता
कुछ रिश्तो का कभी कोई तोल नहीं होता
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर
हर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता

 

तेरे आने से यू ख़ुशी है दिल
जूँ कि बुलबुल बहार की ख़ातिर

 

सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है
तिरी ख़ुशी के लिए तेरा ग़म भी रखना है

 

ढूँड लाया हूँ ख़ुशी की छाँव जिस के वास्ते
एक ग़म से भी उसे दो-चार करना है मुझे

 

ना कोई राह आसान चाहिए,
ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,
एक ही चीज मांगते है रोज भगवान से,
अपनों के चेहरे पे हर पल प्यारी सी मुस्कान चाहिए….!!

 

आखे बंद करके चलाना खंजर मुझ पे,
कही तुम मुस्कुरा दिए तो हम बिना खंजर ही मर जायेंगे!

 

सारा जहां उसी का है, जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है
हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है।
लेकीन इश्वर तो उसीका है जो “सर” झुकाना जानता है…!!

 

बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कुराहट.. पर तुम मुस्कुराते कम हो,
सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे पर तुम नज़र आते ही कम हो!
किस किस से छुपाऊ तुम्हें मै अब तो,
तुम मेरी मुस्कुराहट मे भी नजर आने लगे हो

 

तेरी मुस्कराहट की हिफाज़त खुद खुदा करे..
बस यही दुआ हर रोज़ हम खुदा से करते है..

 

अपनी मुस्कराहट को ज़रा काबू में रखा कीजिये
दिल-ऐ-नादान कही इस पर शहीद ना हो जाए

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Shivesh Pratap

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