राम ने बाली का वध क्यों किया?
कुछ देश, धर्म, राष्ट्र एवं संस्कृति द्रोही श्री राम जी द्वारा बाली वध को अनुचित ठहराते हैं |ये उनके बौद्धिक दीवालियापन का द्योतक है |
राम बाली संवाद:
बालि :
धरम हेतु अवतरेहु गोसाई मारहू मोहि व्याध की नाहीं |
मै बैरी सुग्रीव पियारा, अवगुण कवन नाथ मोहि मारा ||
अर्थ : हे स्वामी धर्म रक्षा के लिए अवतार लेकर भी आपने मुझे शिकारी की तरह छुप कर मारा | मै शत्रु और सुग्रीव मित्र, मेरा अवगुण ही क्या था की मुझे आपने मृत्यु दिया |
श्री राम जी :
अनुज बधू भगिनी सुतनारी, सुनी सठ कन्या सम ये चारी |
इन्हही कुदृष्टि विलोकत जेई, ताहि बधे कछु पाप न होई ||
अर्थ : छोटे भाईकी स्त्री, बहिन, पुत्रकी स्त्री और कन्या ये चार पर कुदृष्टि डालने वाले का वध करने में कोई पाप नहीं है |
आज राम जी के कर्मों का पालन करते तो “लव जिहाद” हिन्दू समाज के घर की चौखट तक नहीं पहुच जाता |
Why Ram killed Bali.