डिजिटल इंडिया अभियान का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,
“मैं ऐसे डिजिटल भारत का सपना देखता हूं जहां हाई स्पीड डिजिटल हाइवे देश को एक करता है. इससे जुड़े 1.2 अरब लोग आविष्कारों को बढ़ावा दें, तकनीक इसकी गारंटी करेगा कि नागरिक और सरकार का संबंध भ्रष्ट नहीं होगा.”
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के नौं नींव के पत्थर | 9 Building Blocks of Digital India Program:
- ब्रॉडबैंड हाइवे,
- मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए यूनिवर्सल एक्सेस,
- सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम,
- ई-शासन: प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार,
- ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी,
- सभी के लिए सूचना,
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण,
- नौकरियों के लिए आईटी और
- अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम
ब्रॉडबैंड हाइवे शब्द की संकल्पना:
“हाइवे” यानि राजमार्ग का अर्थ है एक ऐसी सड़क जिस पर बिना रुके और तेज गति से सुविधाजनक यात्रा हो सके | ऐसे ही डाटा यानि सूचनाओं का बिना रुके और तेज गति से सुविधाजनक यात्रा की संकल्पना को “ब्रॉडबैंड हाइवे” कहा गया | ब्रॉडबैंड हाइवे एक ऐसी संकल्पना है जिसमें सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए एक ऐसा नेटवर्क विकसित किया जाए जो सभी सूचनाओं, सरकार, जनता को एक ही प्लेटफार्म पर लाए और संचार क्रांति के लाभ मिल सके |
इसके तहत तीन उप घटकों अर्थात् सभी के लिए ब्रॉडबैंड – ग्रामीण, सभी के लिए ब्रॉडबैंड – शहरी और राष्ट्रीय सूचना संरचना (एनआईआई) को शामिल किया गया।
देहात में तीन करोड़ यूजर हैं, जबकि शहरों में यह अनुपात 2.7 करोड़ ही रह गया है। शहरों की अपेक्षा ग्रामीण आबादी अधिक है। लिहाजा गांवों पर ही फोकस रखा जा रहा है। सरकार का लक्ष्य तीन साल में 3000 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल को बिछाना है। ग्राम पंचायत स्तर तक ओएफसी बिछाई जाएगी। 2019 तक 2.50 लाख पंचायतों को हाईस्पीड ब्रांडबैंड सुविधा से लैस करना है। इसके लिए संबंधित कंपनियों को काम सौंप दिया गया है। 2020 तक 60 करोड़ लोगों तक यह सुविधा पहुंच जाएगी।
सभी के लिए ब्रॉडबैंड – ग्रामीण:
2,50,000 ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) के तहत कवर किया जाएगा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) इस परियोजना के लिए नोडल विभाग है।
सभी के लिए ब्रॉडबैंड – शहरी:
नए शहरी विकास और इमारतों में सेवा वितरण और संचार सुविधाओं को अनिवार्य करने के लिए वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटरों का उद्यामन किया जाएगा।
राष्ट्रीय सूचना संरचना (NII) | National Information Infrastructure:
NII देश में पंचायत स्तर पर विभिन्न सरकारी विभागों के लिए उच्च गति कनेक्टिविटी और क्लाउड मंच प्रदान करने के लिए नेटवर्क और क्लाउड अवसंरचना द्वारा एकीकृत होगा।
इन अवसंरचना के घटकों में, स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क SWAN, राष्ट्रीय सूचना नेटवर्क यानि NKN, राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN), सरकारी प्रयोक्ता नेटवर्क (GUN) और मेघराज क्लाउड नेटवर्क शामिल है।
NII का उद्देश्य SWAN, NKN, NOFN, GUN और GI क्लाउड के रूप में सभी ICT अवसंरचना के घटकों को एकीकृत करना है। इसे क्रमश: 100, 50, 20 और 5 सरकारी कार्यालयों/सेवा आउटलेटस् का राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर क्षैतिज कनेक्टिविटी के लिए प्रावधान करना होगा।
DEiTY इस परियोजना के लिए नोडल विभाग होगा।
ब्रॉडबैंड हाईवे का क्रियान्वयन कैसे होगा:
विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य राज्यों के छोटे और कटे हुए शहरों में BPO केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि नीति का उद्देश्य इनोवेशन, उत्पाद और विकास को प्रोत्साहन देने उपक्रम निधियों के आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी प्रणाली का सृजन करने के लिए देश में इन्टरनेट प्रोटोकॉल इन्फ्रा पूल निर्मित किया जाएगा।
फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के उभरते हुये क्षेत्र में अनुसंधान और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए फलेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए राष्ट्रीय केन्द्र बनाया जायेगा।
इसके अंतर्गत् इंटरनेट ऑन थिंक्स (IOT) के लिए उत्कृष्टता केन्द्र कि स्थापना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, IRNET और NASCOM की संयुक्त पहल है।
कन्या कुमारी से लेकर श्रीनगर तक सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वाई-फाई और सार्वजनिक रूप से वाई-फाई हॉटस्पोर्ट उपलब्ध हो जाएंगे।
2019 तक डिजिटल इंडिया के अनुमानित प्रभाव से सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा जायेगा।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम से भारी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स रोजगार पैदा होंगे।
यह वो हाईवे है जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्तिमें सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में शीर्ष स्थान पर ले जायेगा।