तेजपात के फायदे एवं उपयोग
Benefits and Use of Cassia in Hindi
तेजपात को प्राचीन आयुर्वेद में एक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। तेजपात खाने का स्वाद और महक दोनों को बढ़ाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग भारतीय सब्जी में मसाले के रूप में किया जाता है |
वानस्पतिक नाम: सिनमोमम तमाला
संस्कृत नाम – तमालका (तेजपत्र)
अंग्रेजी नाम: Cassia (केसिया)
विदेशी नाम:
- German : Indisches Lorbeerblatt
- Japanese : Tamara-nikkei Tezipatto
- Russian : Malabarskaya korista
- French : Laurier desIndes
- Chinese : Chai gui
परिवार: लारिएसी
वाणिज्यिक अंग: छाल और पत्ता
तेजपात का परिचय:
भारतीय अमलतास Cassia जानेवाला तेजपात सिनमोमम तमाला छोटे से अपेक्षाकृत बडे आकार वाला सदाबहार वृक्ष है|
Cassia के पेड़ के पत्ते लौंग जैसे स्वादवाले और हल्की कालीमिर्चनुमा सुगंधवाले मसाला है।
7.5 मीटर तक ऊँचाईवाले इस पेड़ के टेढे. मेढे शाखन 95 से.मी. तक घेरावाला तना छाल खुरदरी गहरे धूसर से लालछौंहा भूरी रंग होती है।
तेजपात का वृक्ष और उत्पादन:
सिनमोमम तमाला प्राय: उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय हिमालय से 2000 मीटर एम एस एल की उत्तुंगता तक उत्तर पूर्व में पाया जाता है।
अधिकतम तौरपे Arunachal Pradesh, Sikkim में पाया जाता है|
तेजपात का उपयोग:
Cassia का पत्ता मुख्यत: खाद्य को स्वाद एवं सुगंध प्रदान करने केलिए प्रयुक्त होता है।
तेजपात में हाइपोग्लाइसिमिक, उद्दीपक एवं वातहर गुणविशेषताओं के कारण औषधीय निर्माण में व्यापक तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
तेजपात के फायदे:
जिन लोगों को हकलाने की आदत हो वे तेजपात के पत्तों को रोज चूसें। इससे हकलाने की समस्या ठीक होती है।
घर के अंदर तेज पत्ता जलाने से चिंता, सूजी हुई नसें, जोड़ों का दर्द, वायरल इन्फेक्शन आदि खत्म होता है।
Cassia में मैरीसीन और यूजेनॉल जैसे तत्व पाए जाते हैं जो बलगम को हटाते हैं और फेफड़ों में कफ जमा होने नहीं देते।
तेजपात एंटी-इनफ्लेंमैंटरी होती है। इसलिए अगर आप या आपके घर में कोई मिर्गी का मरीज है, तो तेजपात जलाएं। इससे मिर्गी की समस्या दूर हो जाएगी।
खांसी की समस्या से निजात पाने के लिए शहद के साथ 1 चम्मच तेजपात के चूर्ण को मिलाकर पीने से खांसी से राहत मिलती है।
सिर दर्द, छीकों का अधिक आना, सर्दी जुकाम और पेट में जलन होने पर तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से ठीक हो जाते हैं। चाय की पत्ती की जगह तेजपात का चूर्ण डालें।
दांतों की प्राकृतिक चमक पाने के लिए तेजपात का चूर्ण दांतों पर सुबह शाम मलना चाहिए।
अगर आपको पेट में गैस की समस्या है तो 3 चुटकी तेजपात का चूर्ण को पानी के साथ सेवन करें। आपको राहत मिलेगी। साथ ही साथ यह पेट में जलन यानि एसीडिटी की दिक्कत को भी दूर करता है।
दमा के रोगीयों के लिए तेजपात एक बेहतर दवाई है। मिश्री, अदरक, पीपल और तेजपात को बराबर की मात्रा में मिलाकर चटनी बना लें फिर प्रतिदिन 1 चम्मच चटनी का सेवन करें। आप की आराम मिलेगा|
नियमित अपने खाने में तेजपात का इस्तेमाल करने से आप कभी भी दिल की परेशानी से परेशान नहीं होगी।