कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) के पौधे का उपयोग एवं फायदे | Vajradanti Plant Uses & benefits in Hindi

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कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) के पौधे का उपयोग एवं फायदे
Vajradanti Plant Uses & benefits in Hindi

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) का वैज्ञानिक नाम: बर्लेरिया प्रिआनिटिस

परिवार: अकैंथेसी

हिंदी नाम: कटसरैया, पियाबंस

संस्कृत नाम: वज्रदंती 

अंग्रेजी नाम: Barleria 

उपयोग: दाँतों के रोग, मुँह का अल्सर, पेट की गड़बड़ी, मूत्रजनित रोग, ज्वर (शहद के साथ) मसूढ़े के रोग, अस्थमा आदि

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) का पौधा:

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) एक कटीली औषधीय वनस्पति है|

यह 1-2 मीटर ऊँचा होता है पत्तियों के आधार पर 3-5 तीक्ष्ण, हल्के पीले काँटे होते हैं।

इसके फूल अनेक रंगों में जैसे सफ़ेद , लाल , बैंगनी , पीला आदि में मिलता है|

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) में एंटीएलर्जिक, एंटीबायोटिक और एंटीवायरल है इसमें एल्केलॉइड, ग्लूकोसाइड और सिटो-स्टीरॉल्स पाये जाते हैं। पौधे में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है।

इसमें पोटेशियम की अधिकता होती है इसी कारण यह औषधि दाँत के रोगियों के लिए और गर्भवती नारियों के लिए अमृत मानी गयी है|

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) स्वाद में कड़वा, मीठा, खट्टा, गुड में हल्का, चिकना करने वाला, स्वभाव में गर्म एवं कटु विपाक माना गया है|

कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) का उपयोग एवं फायदे:

मसूड़ों या दांतों के रोग में उपयोग एवं फायदे:

दांतों और मसुढ़ों के लिए इसके पत्तों के साथ उबाले पानी से गरारे करें|

वज्रदंती के पत्तो या जड़ का पाउडर बनाकर उसे दंतमंजन की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह भी बहुत फायदेमंद होता है।

 फोड़ों, घावो में लाभ:

वज्रदंती की पत्तियों का पेस्ट बनाकर घावो, फोड़ों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती हैतथा सूजन भी कम हो जाती है।

मुंहासों में उपयोग एवं फायदे:

मुंहासों में इसके पत्तों के रस को नारियल के तेल में खूब अच्छे तरीके से मिला लिजिये, दोनों की मात्रा बराबर हो, बस रात में चेहरे पर रगड़ कर लगा कर सो जाएं, चार दिनों में ही असर दिखाई देगा मुंहासे वाली फुंसियां भी इससे नष्ट होती हैं|

बालों के लिए उपयोग एवं फायदे:

वज्रदंती की पत्तियों का पेस्ट बनाकर सिर पर भी लगाया जा सकता है, इससे बालों का विकास होता है।

अतिसार में  उपयोग एवं फायदे:

इसका एक दो चम्मच रस और चुटकी भर सौंठ लेने से दस्त , खुनी दस्त भी रुक जाते है|

सूखी खांसी में लाभ: 

सूखी खांसी में इसके पत्तों का क्वाथ लें|

 

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Shweta Pratap

I am a defense geek

One thought on “कटसरैया (पियाबासा या वज्रदंती) के पौधे का उपयोग एवं फायदे | Vajradanti Plant Uses & benefits in Hindi

  1. Can it be possible to turn every single inhabitent of Bhaarat towards our Ayurvedism. The westerners are taking u- tern to nature and they are very keenly studying through research and they are developing the process to extract the actual biochemical of medicinal property and they are encripted the whole effects on human tissue line. So they are using all extraction Biotechnology, Molecular Biology, Cytological research and these very studies are also to make us fool and sell it in high price value. And some of our Indians are also feel proud to perchase it in high price from them, but they never bother to gather the knowledge available just near as hand reach. I feel frustrated to see these people to excepting the every toxic material to their body prescribed by Doctors and sell by different brand in all medicine stores through out our country.
    Any way it is an sincere effort to make reach these valuable knowledge for future.
    I am thankful to you.

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