चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु श्रियाभिजुष्टस्य गृहस्थधर्मे | chatvari te tata grihe vasantu shriyabhijushtasya grihasthadharme

गृहस्थ का कर्तव्य एवं शरण पर श्लोक चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु श्रियाभिजुष्टस्य गृहस्थधर्मे | वृद्धो ज्ञातिरवसन्नः कुलीनः सखा दरिद्रो भगिनी चानपत्या || – विदुर नीति भावार्थ – हे तात…

पञ्चाग्नयो मनुष्येण परिचर्याः प्रयत्नतः | panchagnayo manushyena paricharyah prayatnatah

पिता, माता, अग्नि , आत्मा तथा गुरु पर श्लोक  ***** पञ्चाग्नयो मनुष्येण परिचर्याः प्रयत्नतः | पितामाताग्निरात्मा च गुरुश्च भरतर्षभः || -विदुरनीति भावार्थ – हे राजाओं में श्रेष्ठ धृतराष्ट्र ! पिता,…

वैराग्य शतक के श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित भर्तृहरि विरचितम् | Bhartrihari Vairagya Shatak with Hindi & English Meaning

॥ वैराग्य शतकम् भर्तृहरिविरचितम् ॥ वैराग्य शतक के श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित भर्तृहरि विरचितम् भर्तृहरि परिचय: जनश्रुति और परम्परा के अनुसार भर्तृहरि विक्रमसंवत् के प्रवर्तक सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के अग्रज…

दिक्‍कालाद्यनवच्छिन्‍नानन्‍तचिन्‍मात्रमूर्तये। dik‍kaladyanavachchhin‍nanan‍tachin‍matramurtaye

दिक्‍कालाद्यनवच्छिन्‍नानन्‍तचिन्‍मात्रमूर्तये । स्‍वानुभूत्‍येकमानाय नम: शान्‍ताय तेजसे ।। 1 ।। dik‍kālādyanavacchin‍nānan‍tacin‍mātramūrtaye । s‍vānubhūt‍yekamānāya nama: śān‍tāya tejase ।। 1 ।। तेजरूप परब्रह्म को नमस्कार हेतु श्लोक *** अर्थ: दशों दिशाओं और तीनो…

नीति शतक के श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित भर्तृहरि विरचितम् | Bhartrihari Neeti Shatak with Hindi & English Meaning

॥ नीति शतकम् भर्तृहरिविरचितम् ॥ परिचय: भर्तृहरि विरचित नीति शतकम् में मनुस्मृति और महाभारत की गम्भीर नैतिकता, कालीदास की-सी प्रतिभा के साथ प्रस्फुटित हुई है। विद्या, वीरता, दया, मैेत्री, उदारता, साहस, कृतज्ञता,…

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