आदिकाल से ही मनुष्य के भीतर स्वयं को जानने की जिज्ञासा बलवती रही है और कभी-कभी ऐसे प्रश्नों को सुनकर यह लगता है जैसे आदिकाल से यह एक अनसुलझा प्रश्न…
आदिकाल से ही मनुष्य के भीतर स्वयं को जानने की जिज्ञासा बलवती रही है और कभी-कभी ऐसे प्रश्नों को सुनकर यह लगता है जैसे आदिकाल से यह एक अनसुलझा प्रश्न…