कर्म पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Shlok on Karma with Hindi Meaning

Sanskrit Shlok on Karma with Hindi Meaning   नास्तिकः पिशुनश्चैव कृतघ्नो दीर्घदोषकः । चत्वारः कर्मचाण्डाला जन्मतश्चापि पञ्चमः ॥ नास्तिक, निर्दय, कृतघ्नी, दीर्घद्वेषी, और अधर्मजन्य संतति – ये पाँचों कर्मचांडाल हैं…

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