रक्षाबंधन की संस्कृत में शुभकामनाएं, Rakshabandhan Rakhi Wishes in Sanskrit

Spread the love! Please share!!

रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं।

रक्षाबंधन की संस्कृत में शुभकामनाएं 

 

मम भ्राता!
प्रार्थयामहे भव शतायु: ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु।
पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय जीवनम् तव भवतु सार्थकम् ।।

अर्थ

मेरे भैया!
प्रार्थना है की आप सौ साल जियें, ईश्वर सदा आपकी रक्षा करें,
पुण्य कर्मों से कीर्ति अर्जित करें और इस तरह आपका जीवन सार्थक हो।

 

 

रक्षाबंधन का सबसे मूल और प्रामाणिक मंत्र श्लोक है;

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

अर्थ
जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं।
हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।

 

Rakshabandhan Rakhi Wishes for Brother Sister in Sanskrit

 

रक्षाबन्धनस्य हार्दिक्य: शुभकामना:।

अर्थ
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

 

रक्षाबन्धनस्य कोटिश: शुभकामना:।

अर्थ
रक्षाबंधन की कोटि कोटि शुभकामनाएँ।

 

रक्षाबन्धनस्य अनेकश: शुभकामना:।

अर्थ
रक्षाबंधन की अनेक शुभकामनाएँ।

 

भ्राता! त्वं जीव शतं वर्धमान:।

अर्थ
भाई! तुम सौ साल जिओ।

 

भगिनी! त्वं शतं जीव शरदः वर्धमाना।

अर्थ
बहन! तुम सौ साल जिओ।

 

प्रिय भ्राता;

पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्रुणुयाम शरद: शतं
प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात् ।
रक्षाबन्धनस्य हार्दिक्य: शुभकामना:।

अर्थ
मेरे भैया, सौ वर्षों तक आँखों का प्रकाश स्पष्ट बना रहे।
आप सौ साल तक जीते रहें; सौ साल तक आपकी बुद्धि समर्थ रहे,
आप ज्ञानी बने रहे; आप सौ साल तक बढ़ते रहें, और बढ़ते रहें;
आपको पोषण मिलता रहे; आप सौ साल तक जीते रहें
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

 

 

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is the copyright of Shivesh Pratap.