प्रवासी भारतीय दिवस पर निबंध | Essay on Pravasi Bharatiya Divas in Hindi

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प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास:

भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी के दिन ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ मनाया जाता है। महात्मा गांधी इसी दिन सन् 1915 में दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे। प्रवासी भारतीयों को देश से जोड़ने का मकसद लेकर दिल्ली में 9 से 11 जनवरी 2003 के बीच पहला प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हुआ था

गाँधीजी की ही तरह विश्व के अनेक देशों में प्रवासी भारतीय सदियों से निवास कर रहे है । प्रवासी भारतीयों के बारे में जानने के लिए यह जानना जरूरी है कि प्रवास क्या है,

जो लोग अपने जन्म स्थान को छोड़कर अन्यत्र बस जाते हैं, उन्हें प्रवासी कहते है

पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 2003 से ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत की गई। इस अवसर पर प्रायः 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

इसमें अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले भारतवंशियों का सम्मान किया जाता है। साथ ही उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जाता है।प्रवासी भारतीय दिवस शुरू करने का श्रेय लक्ष्मीमल सिंघवी कमेटी को जाता है।

प्रवासी भारतीय सम्मान क्या है:

प्रवासी भारतीय सम्मान भारत के प्रवासी भारतीय के मामलों का मंत्रालय द्वारा स्थापित एक पुरस्कार है जो प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।

यह पुरस्कार अपने कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी भारतीयों को प्रदान किया जाता है।अभी तक यह पुरस्कार 60 अलग-अलग देशों में रहे करीब 240 लोगों को दिया जा चुका है।

वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेतायह पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी, कुराकाओ के प्रधानमंत्री यूजीन रघुनाथ और न्यूज़ीलैंड की मंत्री प्रियंका राधाकृष्णन शामिल हैं।

प्रवासी दिवस का आयोजन:

  • 2003 पहला प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2004 दूसरा प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2005 तीसरा प्रवासी भारतीय दिवस, मुंबई, महाराष्ट्र
  • 2006 चौथा प्रवासी भारतीय दिवस, हैदराबाद
  • 2007 पांचवा प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2008 छठां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2009 सातवां प्रवासी भारतीय दिवस, चेन्नई
  • 2010 आठवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2011 नवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2012 दसवां प्रवासी भारतीय दिवस, जयपुर, राजस्थान
  • 2013 ग्यारवां प्रवासी भारतीय दिवस, कोची
  • 2014 बारवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2015 तेरवां प्रवासी भारतीय दिवस, गांधीनगर, गुजरात
  • 2016 चौदहवां प्रवासी भारतीय दिवस, दिल्ली
  • 2017 पंद्रहवाँ प्रवासी भारतीय दिवस, बंगलुरू, कर्नाटक
  • 2018 सोलवां प्रवासी भारतीय दिवस, सिंगापुर (भारत के बाहर पहला सम्मलेन)
  • 2019 सत्त्रहवां प्रवासी भारतीय दिवस, वाराणसी
  • 2020 अट्ठारहवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
  • 2021 उन्नीसवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली (वर्चुअल प्लेटफार्म पर पहला सम्मलेन)

 

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का उद्देश्य:

 विश्व बैंक की ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस’ रिपोर्ट के मुताबिक प्रवासी भारतीय अपने देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने में सबसे आगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक प्रवासी भारतीयों ने साल 2018 में 79 बिलियन डॉलर की रकम भारत भेजी. इस मामले में चीन के प्रवासी दूसरे नंबर पर हैं और उन्होंने साल 2018 में 67 बिलियन डॉलर की रकम चीन भेजी थी.

इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे भी मुद्दे हैं जिनके फलस्वरूप प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाना जरुरी है |

प्रवासियों की रोचक सूचनाएं:

  • भारत सरकार ने विदेश में रह रहे भारतीयों की हत्याओं पर चिंता जताई है और इसकी कड़ी निंदा की है। मार्च2017 में अमेरिका में रह रहे भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर वमषि रेड्डी मामी डाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • विश्व में लगभग6 करोड़ अनिवासी भारतीय NRI (नॉन रेजिडेंट इंडियन) रहते हैं। उनमें से अनेक लोगों ने विश्व में बड़ी उपलब्धियां पाई हैं। प्रवासी भारतीय दिवस का एक अन्य उद्देश्य “ब्रेन ड्रेन” को “ब्रेन गेम” में बदलना है। निवेश के अवसरों को बढ़ाना है।
  • 2016 में विदेशों में रह रहे भारतीय लोगों ने देश में अपने घरों में62 अरब डॉलर भेजे थे, जो देश की कुल जीडीपी का3% है।
  • बहुत बार देखने में आता है कि विदेशों में रह रहे भारतीय पूरी तरीके से विदेशी संस्कृति में रच-बस गए हैं और वे भारतीय परंपराओं से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। ऐसे में प्रवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि उन्हें देसी मिट्टी की याद दिलाना और भारत की तरफ पुनः आकर्षित करना। अपने पूर्वजों के प्रति आकर्षित करना। बहुत से प्रवासी भारतीय भारत को गरीब और पिछड़ा  देश समझते हैं। ऐसे में प्रवासी भारतीय दिवस का उद्देश्य है कि उनको भारत के बारे में सही जानकारी देना।
  • विदेश में रहने वाले ऐसे हिंदुस्तानी जो वहां पर काम कर रहे हैं और उन्हें किन समस्याओं का सामना करना पड़ा है, इसके बारे में चर्चा करना भी प्रवासी भारतीय दिवस का उद्देश्य है।
  • इन दिनों विदेश में रह रहे भारतीयों पर हमले हो रहे हैं,उनकी हत्या की जा रही है। नस्लभेद की समस्याएं देखने में आ रही हैं। ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों पर अक्सर हमले होते रहते हैं।

 

प्रवासी भारतीय दिवस पर निबंध का निष्कर्ष:

शास्त्रों में कहा गया है, ”यस्तु संचरते देशान सेवते यस्तु पाण्डेतान, तस्य बिस्तारिता बुधिस्तैल बिन्दु रिवाम्भसि” अर्थात् जो विश्व में भ्रमण करता है वह ज्ञान और अनुभव अर्जित करता है । उसके द्वारा अर्जित किया गया ज्ञान व अनुभव इतना पैना होता है कि कितना ही गहरा समन्दर क्यों न हो, पानी का कितना ही बड़ा सागर क्यों न हो, लेकिन उस पर एक बूँद तेल की पड़े तो वह प्रभावी रुप से फैल जाती है ।

इसी तरह विश्व भर से अर्जित ज्ञान भी व्यापक होता है । इस प्रकार का ज्ञान भारत को अब नए वैश्विक परिदृश्य में अपेक्षित है । भारतीय जहाँ भी गए है वहाँ उन्होंने ज्ञान, विज्ञान, कारोबार, सेवा आदि क्षेत्रों में सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं ।

भारत विकास के पथ पर अग्रसर है । इस समय भारत विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्यों में से एक है । अतः इसे विकसित बनाने तथा भारत को विचारों की भूमि से अवसरों की भूमि बनाने में प्रवासी भारतीय उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह कर सकते है ।

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Shivesh Pratap

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