अनारदाना के 25 फायदे एवं उपयोग
25 Benefits and Use of Anardana in Hindi
वानस्पतिक नाम: प्यूनिका ग्रेनेटम
संस्कृत नाम: डाडिम
विदेशी नाम:
- French : Grenade
- Spanish : Granada
- Japanese : Zakuro
परिवार: प्यूनिकेसी
वाणिज्यिक अंग: बीज
अनारदाना का परिचय:
अनार पर्णपाती क्षुप या छोटा वृक्ष है जिसके गहरी धूसरी छाल होते हैं। इसकी 5-8 मीटर ऊँचाई होती है।
फल बडे गोलाकार, 5-8 से.मी. व्यासार्ध के, अस्फुटनशील हैं जो लाल गूदेदार होते हैं । बीज कोणीय होते हैं ।
अनार का फल स्वादिष्ट और पौष्टिक होता हैं, ये फल विटामिनो और खनिजों से भरपूर होता हैं।
इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, लोहा, सोडियम, विटामिन सी आदि प्रचूर मात्रा में होते हैं।
अनारदाना का वृक्ष एवं उत्पादन:
यह फसल दक्षिणी यूरोप एवं मेडिटरेनियन क्षेत्र का हैं। दोनों गोलार्ध के गरम प्रदेशों में यह पाई जाती है।
- भारत में यह लगभग सभी राज्यों में बढती है। लेकिन बडे पैमाने पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश में बढाई जाती है।
यह गरम शुष्क ग्रीष्म-ऋतुवाले स्थानों में अच्छीतरह पनपता है।
अनारदाना का उपयोग:
गूदेदार बीज सुखाकर कई व्यंजनों में मसाले के रूप में प्रयुक्त होता है फल का सार शीतक एवं प्रशीतक है।
इसके गूदा और बीज पाचक और मृदु विरेचक हैं। इसकी कलिकाएँ श्वसनी-शोथ में प्रयुक्त होती है।
यह त्रिदोषनाशक, दीपक, हृदय के लिए गुणकारी, संग्रहिणी, अतिसार, वमन तथा त्रिशानाशक, पौष्टिक, बल वीर्यवर्धक, हृदय रोगो जैसे उच्च रक्तचाप आदि में लाभकारी होता हैं।
भारतीय खाने में अनार के बीज का प्रयोग खाने में खट्टापन प्रदान करने के लिए किया जाता है Anardana का प्रयोग इमली, कोकम या अमचूर की तरह किया जाता है|
अनारदाना के फायदे:
Anardana में मौजूद फिटोकेमिकल शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को विनियमित करने और अच्छे फैट की आपूर्ति में मदद करता है. जिससे दिल के रोकथाम में सहायता मिलने के साथ-साथ हाई बीपी, अथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य कार्डियोवैस्कुलर रोगों की रोकथाम में सहायता मिलती है|
अनार के रस में बैक्टीरिया को मारने की शक्ति होती है इसलिए अनार का रस पीने से पेट के रोग पेट के रोग, अपच, गैस, कब्ज व अन्य कई तकलीफों से तुरन्त आराम मिलता है। साथ ही इसके नियमित सेवन से धमनियां भी ठीक रहती है।
गर्भवती महिलाएं जो अनार के जूस का सेवन करती हैं, उनका बच्चा हेल्दी और स्वस्थ होता है।
अनार में कई प्रकार के स्वास्यवर्धक गुण पाए जाते है, वजन घटाना इनमें से एक प्रमुख गुण है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो अनार का सेवन करें।
अनार से अधिक उम्र के लोगो को होने वाली एलजाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा मिलता है।
D.N.A. की क्षति कोशिका चक्र में रुकावट पैदा कर कैंसर के विकास को बढ़ावा देती है| लेकिन Anardana में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट में इस तरह के नुकसान के खिलाफ कोशिकाओं की रक्षा करने की क्षमता होती है| इस तरह से अनार के बीज ब्रेस्ट, कोलान, प्रोस्टेट ल्यूकेमिया और ट्यूमर को रोकने और इलाज में फायदेमंद होता है|
मधुमक्खी बर्रे आदि के काटने पर अनार के पत्तो को पीसकर तुरंत लेप कर दे। उसका ज़हर उतर जाता हैं तथा जलन भी कम होती हैं।
अनार जूस याददाश्त को बेहतर करने के लिए अत्यंत कारगर है। अनार के जूस से याददाश्त में बेहतरी होने के अलावा अनार को एक बेहतर ब्रेन टोनिक भी माना जाता है।
Anardana में एकत्रित फैटी प्यूनिसिक एसिड शरीर में सूजन के खिलाफ शरीर को लचीला बनाता है| इससे मांसपेशियों में दर्द को कम करने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है|
अनार रक्तवर्धक होने के कारण रक्त के संचार को बढ़ता है। रक्त का संचार बढ़ने से त्वचा में निखार आता है औ त्वचा चिकनी बनती है। इसलिए स्वस्थ त्वचा पाने के लिए अनार का सेवन नियमित रूप से करें।
अनारदाना, सौंफ, धनिया तीनो बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण कर ले, 2 ग्राम इस चूर्ण में 1 ग्राम मिश्री मिलकर दिन में चार बार लेने से खुनी दस्त एवं खुनी आंव में आराम मिलता हैं|
पुराने दाद पर अनार के पत्तो को पीसकर लेप करे। नियमित लगाने से आराम आता हैं।