आर्मेनिया के 50 रोचक तथ्य | 50 Amazing Facts about Armenia in Hindi

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आर्मेनिया के 50 रोचक तथ्य 
50 Amazing facts about Armenia in Hindi

आर्मेनिया का स्वतंत्रता: सोवियत संघ से   23 अगस्त 1990, 21 सितंबर 1991

आर्मेनिया का राजधानी: येरेवान

राजभाषा: अरमेनियन

अर्मेनिआ का ध्वज, कुल चिह्न:

क्षेत्रफल कुल: 29,800 वर्ग किलोमीटर (विश्व में 139वां )

अर्मेनिआ का भूगोल:

Armenia पश्चिम एशिया और यूरोप के काकेशस क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी देश है जो चारों तरफ़ ज़मीन से घिरा है यानि यह एक “लैंड लॉक्ड” देश है |

1990 के पूर्व यह सोवियत संघ का एक अंग था जो एक राज्य के रूप में था।

अर्मेनिआ आज़रबाइजान, जॉर्जिया, ईरान और टर्की सीमाओं से लगा हुआ है |

 

Armenia को 23 अगस्त 1990 को स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई, लेकिन इसके स्थापना की  घोषणा 21   सितंबर 1991 को हुई एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता 25 दिसंबर 1991 को मिली।

आर्मेनियाई मूल की लिपि आरामाईक एक समय (ईसा पूर्व 300) भारत से लेकर भूमध्य सागर के बीच प्रयुक्त होती थी।

Armenia प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है।

अर्मेनिआ है प्राचीन आर्यों का मूल निवास स्थान: 

अर्मेनिआ देश का अस्तित्व भले ही 1991 में आया पर अर्मेनिआ की संस्कृति के तार सीधे हिन्दू आर्यों से जुड़े हैं |

हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के मत्स्यावतार की कथा में राजा मनु के जल प्रलय के समय की विशाल नौका (अरबी में नूह की नौका) और उसे पहाड़ी की चोटी से बाँधने का प्रसंग सामान रूप से इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म की मान्यताओं में भी स्वीकार्य है | ऐसा माना जाता है की वह नौका मनु ने यरावन की पहाड़ियों के पास आकर रोका था। और इस तरह से मानव सभ्यता का मूल स्थान अर्मेनिआ को माना जा सकता है |

यरावन की पहाड़ियां

तमाम पश्चिम के विद्वानों ने भी अर्मेनिआ को ही आर्यों का मूल स्थान माना है |

अर्मेनियाई मूल की लिपि आरामाईक तीन हजार साल पहले भारत से लेकर भूमध्य सागर के बीच प्रयुक्त होती थी। यही कारण है की सम्राट अशोक के कई शिलालेखों में अरामाईक लिपि (केवल लिपि) का प्रयोग हुआ है।

आज यह भाषा लुप्तप्राय है |

आर्मेनिया है वैदिक संस्कृति की आदि भूमि:

अर्मेनिआ कांस्य युग में हित्ती तथा मितन्नी जैसे साम्राज्यों की भूमि रहा है।

यही वह सांस्कृतिक भूमि है जहाँ बगज्कोई का 1400 ईसा पूर्व का मितन्नी अभिलेख  मिला है |

यह हित्ती तथा मितन्नी साम्राज्य के बीच संधि के साक्षी रूप में वैदिक देवताओं इंद्र, मित्र, वरुण और नासत्य को संबोधित किया गया है |

यह हित्ती राजा सुब्बिलिम्मा और मितन्नी राजा मतिऊअजा के मध्य की संधि थी |

ईसामसीह और बाइबिल की मूल भाषा है आरामाईक:

भले ही आज  ईसामसीह और बाइबिल पर अंग्रेजी का प्रभुत्व हो पर ईसा मसीह की मातृभाषा आरामाईक ही थी।

यह कई प्राचीन यहूदी तथा इसाई ग्रंथों की भाषा है आरामाईक |

मूल बाईबल वास्तव में आरामाईक भाषा में ही है |

Armenia की सीमाएँ तुर्की, जॉर्जिया, अजरबैजान और ईरान से लगी हुई हैं।

Armenia के राजा ने चौथी शताब्दी में ही ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया था। इस प्रकार Armenia राज्य ईसाई धर्म ग्रहण करने वाला प्रथम राज्य है।

अर्मेनिआ कांस्य युग में हिट्टी तथा मितन्नी जैसे साम्राज्यों की भूमि रहा है।

देश में आर्मेनिया एपोस्टलिक चर्च सबसे बड़ा धर्म है।

यहाँ 97.9 % से अधिक  Armenia जातीय समुदाय के अलावा 1.3% यज़िदी, 0.5% रूसी और अन्य अल्पसंख्यक निवास करते हैं।

 

Armenia 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, यूरोप परिषद, एशियाई विकास बैंक, स्वतंत्र देशों का राष्ट्रकुल, विश्व व्यापार संगठन एवं गुट निरपेक्ष संगठन आदि प्रमुख हैं।

आर्मेनियाई मूल स्वयं को हयक का वंशज मानते हैं जो हजरत नूह का परपोता था।

Armenia 10 प्रांतों (मर्ज़) में बंटा हुआ है।

प्रत्येक प्रांत का मुख्य कार्यपालक (मार्ज़पेट) Armenia सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

11वे नंबर से सूचित येरेवान ही आर्मेनिया का राजधानी है|

अर्मेनिआ दुनिया में 90वीं सबसे बडी निर्यात अर्थव्यवस्था है |

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Shweta Pratap

I am a defense geek

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