संस्कृत श्लोक सुभाषित संग्रह हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित | Collection of Sanskrit Shloka with Meaning

ShiveshPratap.com इंटरनेट पर संस्कृत श्लोकों एवं सुभाषित का सबसे बड़ा, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पोर्टल है। इस पोर्टल के संस्कृत श्लोक उनके हिंदी एवं अंग्रेजी अर्थों के साथ दिए जाते हैं। साथ ही हम संस्कृत श्लोकों के IAST को भी प्रकाशित करते हैं जिससे देवनागरी न जानने वाले भी इसे पढ़ सकें।

हमें यह बताते हार्दिक प्रसन्नता हो रही है की यहाँ आपको 5000 + संस्कृत श्लोक पढ़ने को मिलेंगे तथा अभी आने वाले समय में 15000 अन्य संस्कृत श्लोकएवं सुभाषित को सूचीबद्ध करने की योजना है।

आने वाले समय में प्रत्येक संस्कृत श्लोक के ऑडियो भी हम उपलब्ध करेंगे।

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व्यालाश्रयापि विकलापि सकण्टकापि | vyalashrayapi  vikalapi  sakantakapi

गुणों की श्रेष्ठता पर संस्कृत श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित व्यालाश्रयापि  विकलापि  सकण्टकापि वक्रापि  पङ्किलभवापि  दुरासदापि    | गन्धेन  बन्धुरसि …

2 years ago

यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे | yasya krityam na jananti mantram va mantritam pare

गोपनीयता के महत्व पर श्लोक यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे | कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते…

2 years ago

क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति विज्ञाय चार्थं भजते न कामात | kshipram vijanati chiram shrinoti vijnaya chartham bhajate na kamata

एक विद्वान व्यक्ति के लक्षण पर श्लोक क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति विज्ञाय चार्थं भजते न कामात | ना संपृष्टो व्युपयुङ्क्ते…

2 years ago

अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च | amitram kurute mitram mitram dveshti hinasti cha

मूर्खों की मित्रता के लक्षण पर श्लोक अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च | कर्म चारभते दुष्टं तमाहुर्मूढचेतसम् ||…

2 years ago

अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते | anahutah pravishati aprishto bahu bhashate

मूर्ख और दुष्ट प्रकृति के व्यक्ति पर श्लोक अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते | अविश्वस्ते विश्वसति मूढचेता नराधमः || -…

2 years ago

ईर्ष्यी घृणि न संतुष्टः क्रोधिनो नित्यशङ्कितः | irshyi ghrini na santushtah krodhino nityashankitah

दुःखी व्यक्ति पर श्लोक ईर्ष्यी घृणि न संतुष्टः क्रोधिनो नित्यशङ्कितः | परभाग्योपजीवी च षडेते नित्य दुःखिता || - विदुर नीति…

2 years ago

सोSस्य दोषो न मन्तव्यः क्षमा हि परमं बलं | soSsya dosho na mantavyah kshama hi paramam balam

क्षमा करने की परम शक्ति पर श्लोक सोSस्य दोषो न मन्तव्यः क्षमा हि परमं बलं | क्षमा गुणो अशक्तानां शक्तानां…

2 years ago

त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः | trividham narakasyedam dvaram nashanamatmanah

दुर्गुणों के त्याग पर श्लोक त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः | कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत् त्रयं त्यजेत् || - विदुर नीति भावार्थ…

2 years ago

अर्थागमो नित्यमरोगिता च प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च | arthagamo nityamarogita cha priya cha bharya priyavadini cha

सुख पर श्लोक अर्थागमो नित्यमरोगिता च प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च | वश्यस्य पुत्रोsर्थकरी च विद्या षड् जीवलोकस्य सुखानि राजन्…

2 years ago