हासिम के “राम” का फटहा तिरपाल हूँ,
बिक गया हिंदू सपाई ज्ञानदास हूँ ।
आजम-अखिलेश की अवैध संतान हूँ,
बाबर के बेटों का इस्लामी फरमान हूँ ।
श्रीराम की अयोध्या का रोता प्रदेश हूँ,
इतना कायर हूँ कि उत्तर प्रदेश हूँ ।
© हुंकार
सपा के हाथ बिके हुए हनुमान गढी के महंत ज्ञान दास एवम बाबरी मस्जिद के मुद्दई हासिम अंसारी पर कविता की चार पंक्तियाँ ।
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