गिलमा (हिजड़ा) बाजी इस्लाम की पुरानी परम्परा

Spread the love! Please share!!

अरब लोगों में गिलमा यानी Salve Boys रखने की पहुत पुरानी परम्परा है |इसे इज्जतदार होने की निशानी समझा जाता था |अमीर उन गिलमा लड़कों के साथ कुकर्म किया करते थे |कुरान में गिलमा के बारे में सुन्दर लडके कहा गया है |लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गिलमा लडके हिजड़े होते हैं ,जिन्हें कम आयु में ही Castrated करके हिजड़ा बना दिया जाता है |इसके बारे में प्रमाणिक और विस्तृत जानकारी खलीफा अल रशीद और खलीफा अल अमीन के इतिहास से मिलती है |जिसे सन 1948 में लन्दन से प्रकाशित किया गया था किताब का नाम “Hitti PK (1948) The Arabs : A Short History, Macmillan, London, p| 99 उसी से यह अंश लिए जा रहे हैं |दसवीं सदी ने खलीफा अल मुकतदिर (908 -937 ) ने बगदाद में अपने हरम में रखने के लिए 11 हजार लड़कों को हिजड़ा बनवाया ,जिनमे 7 हजार हब्शी और 4 हजार लडके ईसाई थे |( पेज 174 -175 ) इसका एक उद्देश्य तो उनके साथ कुकर्म करना था |और दूसरा उदेश्य पराजित लोगों को अपमानित करना भी था |

बाद में यही काम भारत में आने वाले हमलावर मुस्लिम शासकों ने भी किया ,जैसे जब बख्तियार खिलजी ने बंगाल पर हमला किया था ,तो उसने बड़े पैमाने पर 8 से 10 साल के हिन्दू बच्चों को हिजड़ा बना दिया था |बाद में मुगलों कि हुकूमत में (1526 -1799 ) में भी हिजड़े बनाए जाते रहे |इसका वर्णन “आईने अकबरी : में भी मिलता है |

इसमे लिखा है अकबर ने 1659 में करीब 22 हजार राजपूत बच्चों को हिजड़ा बनवाया |बाद में जहाँगीर ने और औरंगजेब ने भी इस परंपरा को चालू रखा |ताकि हिन्दू वंशहीन हो जाएँ |इस से पहले सुल्तान अला उद्दीन खिलजी ने 50 हजार और मुहम्मद तुगकक ने 20 हजार और इतने ही फिरिज तुगलक ने भी हिजड़े बनवाये थे |

यहांतक कुछ ऐसे भी हिजड़े थे जो दिल्ली के बादशाह के सेनापति भी बने ,जैसे अल उद्दीन का सेनापति “मालिक काफूर ” हिजड़ा था |और कुतुबुद्दीन का सेनापति “खुसरू खान ” भी हिजड़ा ही था |महमूद गजनवी और उसके हिजड़े गुलाम के “गिलमा बाजी” (homosexual ) प्रेम यानि कुकर्म (Sodomy ) को इकबाल जैसे शायर ने भी आदर्श बताया है |क्योंकि यह कुरान और इस्लाम के अनुकूल है |

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is the copyright of Shivesh Pratap.