संघ और विश्व हिन्दू परिषद्, सर्वश्रेष्ठ लोगों का संगठन
मित्रों, ये जानकार आपको बहुत प्रसन्नता होगी की पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण से सम्मानित इसरो के पूर्व चेयरमैन “श्री माधवन नायर जी” जैसे महान वैज्ञानिकों ने भी संघ और विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगठनों की उत्कृष्ट सेवा को देखकर उनके साथ जुड़कर हिन्दू संस्कृति की सेवा का ब्रत लिया है |
जन्माष्टमी के दिन विश्व हिन्दू परिषद् के ५० वर्ष पूर्ण होने पर श्री नायर जी भी विश्व हिन्दू परिषद् केरल के उपाध्यक्ष के रूप में मंच पर विराजमान थे और परिषद् के इस गौरवशाली क्षण को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया |
जी. माधवन नायर का परिचय:
जी. माधवन का जन्म 31 अक्तूबर, 1943 को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उन्होंने 1966 में केरल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1967 में उन्होंने ‘थुम्बा भूमध्य रेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र’ (टर्ल्स) में पदभार ग्रहण किया। तब से उन्होंने इसरो के अध्यक्ष पद को सँभालने तक मार्ग में कई शानदार उपलब्धियाँ हासिल करते हुए विभिन्न पदों को सँभाला।
माधवन जी ने अध्यक्ष, इसरो सचिव, अंतरिक्ष विभाग के रूप में अपने छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशनों की उपलब्धियाँ हासिल कीं, जो निम्नलिखित हैं-
इन्सैट-3ई, रिसोर्ससैट-1, एडुसैट, कार्टोसैट-1, हैमसैट-1, इन्सैट-4ए, पीएसएलवी-सी5, जीएसएलवी-एफ़1, पीएसएलवी-सी6, कार्टोसैट-2, इन्सैट-4बी, एसआरई-1, पीएसएलवी-सी7, पीएसएलवी-सी8, जीएसएलवी-एफ़04, इन्सैट-4सीआर, पीएसएलवी-सी10, कार्टोसैट-2ए, आईएमएस-1, पीएसएलवी-सी9, चंद्रयान-1, पीएसएलवी-सी11, पीएसएलवी-12, पीएसएलवी-C14 और ओशनसैट-2
दुर्भाग्य है की बिकाऊ मीडिया ऐसे किसी बात को नहीं दिखाएगी क्यों की इससे झूठे सेकुलरिज्म के भुलावे में जीने वाला “धर्मनिष्ठ हिन्दू” न बन जाए |
कृपया इसे अधिक से अधिक शेयर करें | चित्र में गोलाकार घेरे में श्री नायर जी |
हिन्दवः सोदराः सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत् |
मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मन्त्र समानता ||