हिंदू धर्म के धार्मिक पक्षी और उनका रहस्य
आइये उन दस विशिष्ट और पवित्र पक्षियों के बारे मैं जानते हैं जिनका हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है …
1. हंस पक्षी की जानकारी (Swan):
- जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है तो उसे कहते हैं कि इसने हंस पद प्राप्त कर लिया और जब कोई समाधिस्थ हो जाता है, तो कहते हैं कि वह परमहंस हो गया। परमहंस सबसे बड़ा पद माना गया है।
- हंस पक्षी प्यार और पवित्रता का प्रतीक है।
- यह बहुत ही विवेकी पक्षी माना गया है।
- आध्यात्मिक दृष्टि मनुष्य के नि:श्वास में ‘हं’ और श्वास में ‘स’ ध्वनि सुनाई पड़ती है।
- मनुष्य का जीवन क्रम ही ‘हंस’ है क्योंकि उसमें ज्ञान का अर्जन संभव है। अत: हंस ‘ज्ञान’ विवेक, कला की देवी सरस्वती का वाहन है। यह पक्षी अपना ज्यादातर समय मानसरोवर में रहकर ही बिताते हैं या फिर किसी एकांत झील और समुद्र के किनारे।
- हंस दांपत्य जीवन के लिए आदर्श है।
- यह जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते हैं। यदि दोनों में से किसी भी एक साथी की मौत हो जाए तो दूसरा अपना पूरा जीवन अकेले ही गुजार या गुजार देती है।
- जंगल के कानून की तरह इनमें मादा पक्षियों के लिए लड़ाई नहीं होती। आपसी समझबूझ के बल पर ये अपने साथी का चयन करते हैं।
- इनमें पारिवारिक और सामाजिक भावनाएं पाई जाती है।
- हिंदू धर्म में हंस को मारना अर्थात पिता, देवता और गुरु को मारने के समान है। ऐसे व्यक्ति को तीन जन्म तक नर्क में रहना होता है
2. मोर (Peacock):
- मोर को पक्षियों का राजा माना जाता है।
- मोर का वैज्ञानिक नाम Pavo cristatus है।
- यह शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन है।
- भगवान कृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्व को दर्शाता है।
- यह भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
- अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को बहुत ऊंचा दर्जा दिया गया है
- हिन्दू धर्म में मोर को मार कर खाना महापाप समझा जाता है।
3. नीलकंठ (Indian Roller):
- नीलकंठ को देखने मात्र से भाग्य का दरवाजा खुल जाता है।
- नीलकंठ का वैज्ञानिक नाम Coracias benghalensis है।
- यह पवित्र पक्षी माना जाता है। दशहरा पर लोग इसका दर्शन करने के लिए बहुत ललायित रहते हैं।
- शिव का एक नाम भी नीलकंठ है।
4. उल्लू (Owl):
- उल्लू को लोग अच्छा नहीं मानते और उससे डरते हैं, लेकिन यह गलत धारणा है। उल्लू लक्ष्मी का वाहन है।
- उल्लू का अपमान करने से लक्ष्मी का अपमान माना जाता है।
- हिन्दू संस्कृति में माना जाता है कि उल्लू समृद्धि और धन लाता है।
- भारत वर्ष में प्रचलित लोक विश्वासों के अनुसार भी उल्लू का घर के ऊपर छत पर स्थित होना तथा शब्दोच्चारण निकट संबंधी की अथवा परिवार के सदस्य की मृत्यु का सूचक समझा जाता है।
- सचमुच उल्लू को भूत-भविष्य और वर्तमान में घट रही घटनाओं का पहले से ही ज्ञान हो जाता है।
- वाल्मीकि रामायण में उल्लू को मूर्ख के स्थान पर अत्यन्त चतुर कहा गया।
- रामचंद्र जी जब रावण को मारने में असफल होते हैं और जब विभीषण उनके पास जाते हैं, तब सुग्रीव राम से कहते हैं कि उन्हें शत्रु की उलूक-चतुराई से बचकर रहना चाहिए।
- ऋषियों ने गहरे अवलोकन तथा समझ के बाद ही उलूक को श्रीलक्ष्मी का वाहन बनाया था।
5. गरुड़ (Garuda):
- पक्षियों में गरुड़ को सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
- यह समझदार और बुद्धिमान होने के साथ-साथ तेज गति से उड़ने की क्षमता रखता है।
- गरुड़ के नाम पर एक पुराण भी है गरुड़ पुराण।
- यह भारत का धार्मिक और अमेरिका का राष्ट्रीय पक्षी है।
- गरुड़ के बारे में पुराणों में अनेक कथाएं मिलती है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु की सवारी और भगवान राम को मेघनाथ के नागपाश से मुक्ति दिलाने वाले गरुड़ के बारे में कहा जाता है कि यह सौ वर्ष तक जीने की क्षमता रखता है।
6. कौआ (Crow):
- कौए को अतिथि-आगमन का सूचक और पितरों का आश्रम स्थल माना जाता है।
- कौए का वैज्ञानिक नाम Corvus है।
- इसकी उम्र लगभग 30 वर्ष होती है।
- श्राद्ध पक्ष में कौओं का बहुत महत्व माना गया है।
- इस पक्ष में कौओं को भोजना कराना अर्थात अपने पितरों को भोजन कराना माना गया है।
- कौए को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाता है।
- दस महाविद्या जी से श्री धूमावती जी के रथ का वाहक कौआ ही है।
- इस पर एक ‘कागशास्त्र’ की भी रचना की गई है।
7. तोता (Parrot):
- तोते का हरा रंग बुध ग्रह के साथ जोड़कर देखा जाता है। अतः घर में तोता पालने से बुध की कुदृष्टि का प्रभाव दूर होता है।
- घर में तोते का चित्र लगाने से बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है।
- तोते का वैज्ञानिक नाम Psittacidae है।
- तोते के मुख्य निवास स्थान आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड हैं|
- आपने बहुत से तोता पंडित देखें होंगे जो भविष्यवाणी करते हैं।
- तोते के बारे में बहुत सारी कथाएं पुराणों में मिलती है।
- इसके अलवा, जातक कथाओं, पंचतंत्र की कथाओं में भी तोते को किसी न किसी कथा में शामिल किया गया है।
- दस महाविद्या में से श्री मातंगी जी के साथ तोता का स्थान भी है।
- तोता एकपत्नीव्रती पक्षी है। इसकी मादा पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर 1 से 12 तक सफेद अंडे देती है।
8. कबूतर (Pigeon):
- इसे कपोत कहते हैं। यह शांति का प्रतीक माना गया है।
- कबूतर का वैज्ञानिक नाम Columbidae है |
- भगवान शिव ने जब अमरनाथ में पार्वती को अजर अमर होने के वचन सुनाए थे तो कबतरों के एक जोड़े ने यह वचन सुन लिए थे तभी से वे अजर-अमर हो गए।
- आज भी अमरनाथ की गुफा के पास ये कबूतर के जोड़े आपको दिखाई दे जाएंगे।
- कहते हैं कि सावन की पूर्णिमा को ये कबूतर गुफा में दिखाई पड़ते हैं। इसलिए कबूतर को महत्व दिया जाता है।
- कबूतर पर भी तंत्र साधना बतायी गयी है।
9. बगुला (Wader):
- आपने कहावत सुनी होगी बगुला भगत। अर्थात ढोंगी साधु।
- बगुला का वैज्ञानिक नाम Ardeidae है |
- धार्मिक ग्रंथों में बगुले से जुड़ी अनेक कथाओं का उल्लेख मिलता है।
- पंत्रतंत्र में एक कहानी है बगुला भगत। बगुला भगत पंचतंत्र की प्रसिद्ध कहानियों में से एक है जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा हैं।
- बगुला के नाम पर एक देवी का नाम भी है जिसे बगुलामुखी कहते हैं।
- बगुला ध्यान भी होता है अर्थात बगुले की तरह एकटक ध्यान लगाना।
- बगुले के संबंध में कहा जाता है कि ये जिस भी घर के पास के किसी वृक्ष आदि पर रहते हैं वहां शांति रहती है और किसी प्रकार की अकाल मृत्यु नहीं होती।
10. गौरैया ( Sparrow ):
- विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च को बनाया जाता है।
- गौरैया का वैज्ञानिक नाम Passer domesticus है|
- भारतीय पौराणिक मान्यताओं अनुसार यह चिड़ियां जिस भी घर में या उसके आंगन में रहती है वहां सुख और शांति बनी रहती है।
- खुशियां उनके द्वार पर हमेशा खड़ी रहती है और वह घर दिनोदिन तरक्की करता रहता है।
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