India Defence Blog

आखिर क्या है दलवीर सिंह सुहाग के बेतुके हैट का राज ???

Spread the love! Please share!!

गोरखा सैनिकों बहुत चुस्त, तेज और मजबूत होते हैं। नवीनतम सेना प्रमुख श्री दलवीर सिंह सुहाग सेना की गोरखा राइफल्स से भी है। क्या आप को कभी उनके अजीब से टोपी पहनने की स्टाइल पर अटपटा सा जरुर लगता होगा !!! जैसे  निचले होंठ के नीचे और ठोड़ी के ऊपर उस टोपी का पट्टा कैसे बेहद असंतुलित सा दीखता है!!! उनके टोपी का रहस्य जानने के लिए पढ़ें…

दरअसल यह  गोरखा सैनिकों की पारंपरिक सैनिक टोपी होती है और १९७४ में श्री सुहाग ने 16 जून 1974 को पांचवी गोरखा रायफल्स के चौथी बटालियन में नियुक्त किया गया था और तब से आज तक एक गोरखा सैनिक की पहचान के रूप में यह टोपी उनके सर पर शोभायमान है|

आखिर क्या है दलवीर सिंह सुहाग के अनोखे हैट का राज???

  1. गोरखा सैनिक अपनी छोटी कद काठी के कारण थोड़ा भड़कीली यानि बड़ी टोप पहनते थे जिससे की वह अंग्रेजों के जमाने में भारत के अन्य क्षेत्रों के सैनिकों के कद-काठी में घुल मिल सकें|
  1. इस बात पर पूरा विश्वास है कि इस तरह की टोपी का डिज़ाइन निश्चित ही ब्रिटिश सेना के हैट से प्रभावित है जिसे ब्रिटिश सेना ने गोरखाओं को तब पहनाया होगा जब की गोरखा कंपनी सेना का अंग बने होंगे | इस तरह की ठुड्डी के ऊपर ही रहने वाली हैट की पट्टी वास्तव में ब्रिटिश सैनिकों की अनुशासन प्रथा है जो भारत में भी चली आई | यह प्रथा संसार के सभी सैनिक बलों में लोकप्रिय होती है जिससे की सैनिक बातें कम करें |

  2. गोरखा राइफल्स का ध्येय वाक्य है “speak with your actions.” इस वाक्य से ही स्पष्ट होता है कि गोरखा अपने एक्शन से ही सामने वाले का जवाब देते हैं एवं शायद इस ध्येय वाक्य की प्रेरणा को लेकर ही उनके हैट के पट्टे को निचले होठ के नीचे टाइट रखा गया हो जिससे की बहुत बातचीत करने वाले गोरखाओं की बातचीत को बंद करके उंहें युद्ध के लिए ज्यादा अनुशासित किया जा सके|
  3. अंग्रेजों की तमाम संस्मरणों में यह प्राप्त होता है कि गोरखा बडे बातूनी होते हैं और यही कारण है कि वह किसी हमले में अपनी गोपनीयता को बरकरार नहीं रख पाते थे और शायद यह भी एक कारण था कि हैट के पट्टे को उनके निचले होठ के नीचे रखा गया जिससे कि वह चुप रह सके|
  4. वास्तव में इतिहास गवाह है कि ब्रिटिश सेना कभी भी नेपाल पर आक्रमण कर के गोरखाओं से सीधे युद्ध में नहीं जीत पाई और इसका मुख्य कारण था गोरखाओं की गुरिल्ला छापामार युद्ध नीति| गोरखा सैनिकों की सबसे बड़ी ताकत थी उनका युद्ध में शोर करना (बैटल क्राई) और उस भीषण ध्वनि के साथ उन का आक्रमण बड़ा ही घातक होता था जो अंग्रेजो को बहुत नुकसान पहुंचाता था इस तरह से जब गोरखा अंग्रेजी सेना में भर्ती हुए तो उनके लिए नई रणनीतियों में यह चिल्लाना बंद करने के लिए यह टोपी बड़ी कारगर साबित हुई|

  5. जब अंग्रेज कंपनी कमांडरों ने गोरखाओं को अपनी सेना में भर्ती किया तो इसका मुख्य उद्देश्य युद्ध की गुत्थम गुत्था लड़ाई हेतु इनका प्रयोग करना था | पर इसमें एक समस्या यह थी कि उनके हैट का जो पट्टा गले के पास होता था वह गुत्थम गुत्था की लड़ाई में गले में कस जाता था जिससे है कि उपयोगिता सिद्ध ना हो पाती थी इसलिए गोरखाओं ने इसे अपने ठुड्डी के ऊपर ही रखना मुनासिब समझा जिससे की यह हैट जरुरत पर झट से निकाली जा सके |
  6. इस बात की भी संभावना पूरी है कि गोरखा पहाड़ी जीवन के अभ्यस्त होते थे और पहाड़ों पर आगे की ओर झुककर चलना उनके रोजमर्रा के जीवन के साथ-साथ सैनिक जीवन का भी अंग रहा था और इस स्थिति में उन्हें सीधे चलने वाले लोगों की अपेक्षा ऐसे हैट की जरूरत थी जो उनके सिर पर स्थिर रहे और साथ ही साथ कसी भी रहे जिससे की जरूरत पड़ने पर आगे की ओर झुकने पर वह तो उनकी आंखों के सामने ना आए| ठुड्डी के ऊपर की पट्टी उन्हें इस कार्य में सहयोग देती थी|
  7. हैट के पट्टी से यदि होंठ बंद रहते हैं तो इसका सबसे बड़ा वैज्ञानिक फायदा यह है की गोरखा सैनिक युद्ध के मैदान में दौड़ते समय किसी भी स्थिति में नाक से ही अधिक सांस लेते थे जो की एक एथलीट/ सैनिक के लिए बहुत जरुरी है | उनका मुह बंद रहने के कारण ही गोरखा युद्ध के मैदान में सबसे जटिल परिस्थितियों में भी सबसे जाबांज प्रसर्शन करता है |

मित्रों, हिटलर ने  यूँ ही नहीं कहा था की “मुझे गोरखा बटालियन दे दो और मैं दुनिया को जीत लूँगा”

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

Recent Posts

आत्मनिर्भर रक्षातंत्र का स्वर्णिम अध्याय। दैनिक जागरण 3 अक्टूबर 2023

       रक्षा निर्यात पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के…

7 months ago

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023  

11 months ago

World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर

  World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर   परिचय:…

12 months ago

Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव

  Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव परिचय: राष्ट्रमंडल…

12 months ago

Anti Terrorism Day 21st May in Hindi आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई

आतंकवाद विरोधी दिवस: मानवता की रक्षा करना और शांति को बढ़ावा देना आतंकवाद विरोधी दिवस परिचय:…

12 months ago

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस इतिहास

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास   17…

12 months ago