वीर रस कविता

kshama daya tap tyag manobal | क्षमा दया तप त्याग मनोबल कविता का भावार्थ

Spread the love! Please share!!

दिनकर की प्रसिद्द कविता क्षमा दया तप त्याग मनोबल:

क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ, कब हारा?

क्षमाशील हो रिपु-समक्ष
तुम हुये विनत जितना ही
दुष्ट कौरवों ने तुमको
कायर समझा उतना ही।

अत्याचार सहन करने का
कुफल यही होता है
पौरुष का आतंक मनुज
कोमल होकर खोता है।

क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।

तीन दिवस तक पंथ मांगते
रघुपति सिन्धु किनारे,
बैठे पढ़ते रहे छन्द
अनुनय के प्यारे-प्यारे।

उत्तर में जब एक नाद भी
उठा नहीं सागर से
उठी अधीर धधक पौरुष की
आग राम के शर से।

सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहि
करता आ गिरा शरण में
चरण पूज दासता ग्रहण की
बँधा मूढ़ बन्धन में।

सच पूछो, तो शर में ही
बसती है दीप्ति विनय की
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का
जिसमें शक्ति विजय की।

सहनशीलता, क्षमा, दया को
तभी पूजता जग है
बल का दर्प चमकता उसके
पीछे जब जगमग है।

क्षमा दया तप त्याग मनोबल कविता का भावार्थ:

रामधारीसिंह दिनकर वीर रस के कवि हैं । kshama daya tap tyag manobal कविता की पंक्तियाँ “शक्ति और क्षमा” शीर्षक कविता के अंतर्गत प्रथम अनुच्छेद में रामधारीसिंह दिनकर ने कौरवों और पांडवों के माध्यम से यह भाव उजागर किया है कि क्षमा वीरो का आभूषण अवश्य है किंतु दया, तप, त्याग और क्षमा जैसे गुणों से दुर्योधन जैसे शिकारी वृत्ति वाले दुर्जनों को नहीं हराया जा सकता है।

नर व्याघ्र का अर्थ: वह जो मनुष्यों में व्याघ्र यानि सिंह की तरह वीर और शिकारी हो।

कविता के इस खण्ड में कवि के कहने का भाव यही है कि हर जगह दया या क्षमा से ही  कार्य की पूर्ति नही हो पाती। क्योंकि हर कोई दया, प्रेम या क्षमा की भाषा नही समझता है और ऐसी स्थिति आगे बढ़कर शक्ति का प्रदर्शन करके अपने कार्य का संधान करना पड़ता है।

इस खण्ड में उन्होंने महाभारत का उद्धृत देते हुये कहा कि पांडवों ने कौरवों को उनके कुकृत्यों  के लिये अनेकों बार क्षमा किया परन्तु कौरव थे कि छल, कपट से बाज नही आये। उन्हे पांडवों द्वारा प्रदर्शित दया, त्याग, प्रेम की भाषा समझ नही आयी और वो अपना कुटिल आचरण करते ही रहे।

इसी प्रकार जब भगवान राम विनयपूर्वक समुद्र से रास्ता मांगते रहे तो  उसमें एक लहर भी नहीं जगी। कई दिनों तक उन्होंने इंतजार किया और समुद्र की दुष्टता को क्षमा किया परन्तु जब भी उसने उनकी बात अनदेखी, तो उन्हें शक्ति का सहारा लेना पड़ा। भयभीत समुद्र उनके पास चला आया। अपने बात को स्पष्ट करने के लिए दिनकर और भी उदाहरण देते हैं।

वस्तुतः वे पांडवों जैसे क्षमाशील और सह्रदय सज्जनों के माध्यम से कहना चाहते हैं कि बिना भयभीत किए शत्रु के समक्ष आपकी विनम्रता का कोई मोल नहीं है । जितना आप उनके साथ सहिष्णुता का व्यवहार करेंगे वह उतना ही आपको कायर या डरपोक समझेंगे । अतः यदि आपके पास इतनी शक्ति है, सामर्थ्य हैं जो उसे पराजित कर सकता है तो उसका आवश्यकता पड़ने पर प्रदर्शन अवश्य करें।

फलत: शत्रु आपके इस पौरूष को जानकर आपसे किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार करने का दुस्साहस नहीं करेगा और आप के सामने विनीत रहेगा तत्पश्चात आप उसे क्षमा करेंगे तब इस क्षमा का मोल होता है।

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

View Comments

Share
Published by
Shivesh Pratap

Recent Posts

आत्मनिर्भर रक्षातंत्र का स्वर्णिम अध्याय। दैनिक जागरण 3 अक्टूबर 2023

       रक्षा निर्यात पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के…

7 months ago

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023  

12 months ago

World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर

  World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर   परिचय:…

12 months ago

Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव

  Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव परिचय: राष्ट्रमंडल…

12 months ago

Anti Terrorism Day 21st May in Hindi आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई

आतंकवाद विरोधी दिवस: मानवता की रक्षा करना और शांति को बढ़ावा देना आतंकवाद विरोधी दिवस परिचय:…

12 months ago

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस इतिहास

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास   17…

12 months ago