पैगंबर मुहम्मद के बारे में सामाजिक रूप से कम ही विमर्श हुए हैं । इस्लामिक मान्यताओं के लिहाज से पैगम्बर मुहम्मद उनके पथ प्रदर्शक हैं । चुकी मुहम्मद साहब अपनी पूजा के विरोधी थे इसलिए उन्होंने किसी चित्रकार से अपनी फोटो भी नहीं बनवाई थी ।
फिर भी अरब के इतने बड़े जनमानस को उद्द्वेलित करने वाले पैगंबर मुहम्मद ने अपने जीवन की सादगी और निस्पृह जीवन से लोगों को एक बड़ा सन्देश दिया ।
मैं उनके जीवन की कुछ जानकारियों को यहाँ संकलित कर रहा हूँ जिससे की लोगों को उनके बारे में जानकारी मिले:
वह पैगंबर इब्राहिम के बेटे पैगंबर इस्माइल के वंशज थे।
2.हज़रत मुहम्मद का जन्म मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार अरब के रेगिस्तान के शहर मक्काह में 22 अप्रैल 571 ई. को हुआ।
‘मुहम्मद’ का अर्थ होता है ‘जिसकी अत्यन्त प्रशंसा की गई हो’। ।
पैगंबर मोहम्मद साहब का बचपन का नाम “मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब” था |
वह जब 25 वर्ष के थे तब उन्हें शादी के लिए खादीजा से एक प्रस्ताव मिला जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। खादीजा की शादी के समय आयु 40 साल थी।
मोहम्मद साहब ने सैय्यदा आईसा से दूसरा विवाह किया जब वह 9 साल की थी। उस समय में इस प्रकार के विवाह की अरब में सामाजिक मान्यता थी और यह सामान्य बात थी |
वह अपने कपड़े खुद सिलते, अपने जूते की मरम्मत और फर्श पर झाडू सब कुछ करते थे । अपने विवाहित जीवन के दौरान वह घरेलू खरीदारी करने के लिए बाज़ार तक जाते थे।
इस्लामी मान्यता के अनुसार एक बार जब वह हीरा गुफा में बैठे थे तब वहां उन्होंने अल्लाह का संदेशवाहक जिब्राइल (गेब्रियल) को देखा। दूत ने उनसे कहा की “अल्लाह का नाम पढ़ो”, पैगंबर मुहम्मद ने कहा कि मैं न तो पढ़ और न ही लिख सकता हूँ मैं एक अनपढ़ हूँ।
- वह कभी कभी प्रार्थना की तक बैठते की उनके पैरों में सूजन हो जाती थी। इस विषय पर उनसे एक व्यक्ति ने पुछा वह क्यों इस तरह की पीड़ादायक और कठिन प्रार्थना करते हैं ? पैगंबर मोहम्मद साहब ने उत्तर दिया, “क्या मुझ (अल्लाह के) गुलाम को आभारी नहीं होना चाहिए ?”
उनका प्रवर्तनकाल (Prophethood) 23 वर्ष की लंबी अवधि तक चला, जिसके दौरान वह अल्लाह से तमाम सन्देश प्राप्त करते थे।
23 साल के लंबे प्रवर्तनकाल (Prophethood) के बाद पैगंबर मोहम्मद साहब की मृत्यु हो गई और उनकी मृत्यु के बाद इस्लाम भी अपने ख़लीफ़ा के प्रयासों की वजह से अन्य स्थानों में फैल गया।
पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का मजार मस्जिद ए नबवी, मदीना में है।
39.फातिमा को छोड़कर पैगंबर हजरत मोहम्मद के सभी बच्चों की मौत उनसे पहले ही हो गई थी ।
40.पैगंबर हजरत मोहम्मद को PBUH कहकर भी संबोधित करते हैं जिसका अर्थ है “Peace Be Upon Him” “शांति उस पर हो”, यह लगभग हर पैगंबर के लिए प्रयोग होता है जिसका अर्थ अरबी विशेषण “अलैइह-सलाम” है।
41. 62 वर्ष की आयु में याथरिब, अरब (अब मदीना, सऊदी अरब) में तेज बुखार के कारण लम्बी बिमारी के बाद निधन हो गया |
42. हेजाज़, सऊदी अरब, मदीना में अल मस्जिद अल नबावी के ग्रीन गुंबद के नीचे ही मुहम्मद साहब दफ़न हैं |
43. सन् 632 में हजरत मुहम्मद साहब का देहांत हो गया।
44. “मुहम्मद” शब्द संसार के सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है|
45. मुहम्मद साहब इतिहास के सबसे प्रभावशाली लोगों में शुमार हैं |
46. मुहम्मद साहब अपने साथियों को सहाबा की पदवी दे देते थे .ऐसे कुछ मुख्य विदेशी सहाबियों के नाम इस प्रकार हैं
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jinke ly allah n duniya bnayi wo hmare or allah k mehboob sallallahu alyiwasallam hmare nabi m apne aap ko bahut ajij smjhti hu hm unki ummt m se h
Masha aallah
La Ilaha Illallah Muhammad Rasool Allah Sallallahu Ala Wasallam
La ILaha Illallah muhammad Rasool Allah Sallallahu Ala Wasallam Ameeen
Itne achhe hai nabi to musalman itana durachari kyon hai. Apas me hi Mar Kat macha rahe hain. Sirf kitab ratne SE kuchh nahi ho sakata amal jaroori hai. Aaj musalman sabd gali ke barabar hai. Nabi ko kitana dukh hota hoga.
Subhan allah allah sa koi maloom nhi
Sabhi ko ramzan mubarak ho
very nice information
sabka malik ek ha kyu dharm ke liye ladte ho bhagwan ne sub ko koi dharma de kar nhi beja sub ko ek jaisa banaya h vo tho humne kisi ko mandir me beta diya kisi ko majjid me Allah kaho ya ram h sub ek hi
Lailaha illellaha mohmaddur rasul allaha sallallahu alahe barik basallam ye dunia hamare akka mohmand rasool allaha ke sadke mai bani hai musalman bhaiyo namaz roje jakat pr amal karo unki sunnato ko ada kro
Pubh.ka bara ma Jo galat khata ha WO sala zahil Aur khifer hi hoga
ha bhai shayam indoliya kyu kisi ke majhab ko galt keh rhe ho................tum apne majhab par dhyan do muslim apne majhab par dhyan de rha he............duniya vishwas par tiki he thk samjhdar hokar nadan wali bate ni kiya karte smjhe... Samjhdar ho shamjhdar ban kar rho.....