Hindi Article

भूपेन हजारिका सेतु यानि ढोला-सादिया पुल के रोचक तथ्य

Spread the love! Please share!!

आइये जानते हैं भूपेन हजारिका सेतु यानि ढोला-सादिया पुल के रोचक तथ्य के रोचक तथ्य:

ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है

असम अरुणाचल के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा |

भूपेन हजारिका सेतु का खर्च:

परियोजना की लागत करीब 10.00 अरब रुपये है और इसे पूरा करने में करीब 6 साल लगे।

इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है |

स्ट्रेटेजिक मजबूती देगा यह पुल:

यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है|

चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है|

    तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है|

यह ब्रह्मपुत्र की सहयोगी नदी लोहित (क्षेत्रीय नाम: लोहित नदी)  पर बना है |

अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.

इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.

ये पुल 182 खंभों पर टिका है |

जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा|

 

सेना के लिए है वरदान:

जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी|

इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी|

    पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें|

इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है|

इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी|

कारोबार को बढ़ावा मिलेगा|

    सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी|

भाजपा की अटल सरकार ने ली थी सुध:

इस ब्रिज के लिए 29 मई 2003 को स्थानीय विधायक ने चिट्ठी लिखकर आग्रह किया था, जिसके बाद अटल सरकार ने तुंरत फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए आदेश भी दे दिया था।

    2003 में वाजपेयी सरकार द्वारा पुल का कामकाज किया गया था और 2011 में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार के नेतृत्व में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के द्वारा बनाया गया।

हर दिन सिर्फ डीजल के बचत से इस इलाके के लोगों का 10 लाख रुपये बचेगा।

सदिया के किसानों द्वारा पैदा किए जाने वाला अदरक बेहद उच्च क्वॉलिटी का होता है। ब्रिज बनने के बाद इन किसानों के लिए रास्ता खुल जाएग |

    इस पुल का नाम असम के मशहूर लोकगायक भूपेन हजारिका के नाम पर रखने का ऐलान किया गया है |

भूपेन हजारिका सिर्फ बेहतरीन गायक ही नहीं, बल्कि संगीतकार, गीतकार, कवि और फिल्ममेकर भी थे। उनके योगदान के लिए उन्हें दादा साहब फाल्के से लेकर पद्म विभूषण जैसे अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shweta Pratap

I am a defense geek

Recent Posts

आत्मनिर्भर रक्षातंत्र का स्वर्णिम अध्याय। दैनिक जागरण 3 अक्टूबर 2023

       रक्षा निर्यात पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के…

7 months ago

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023

भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023  

12 months ago

World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर

  World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर   परिचय:…

12 months ago

Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव

  Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव परिचय: राष्ट्रमंडल…

12 months ago

Anti Terrorism Day 21st May in Hindi आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई

आतंकवाद विरोधी दिवस: मानवता की रक्षा करना और शांति को बढ़ावा देना आतंकवाद विरोधी दिवस परिचय:…

12 months ago

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस इतिहास

World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास   17…

12 months ago