जमीन पर बैठकर खाना खाने का अर्थ सिर्फ भोजन करने से नहीं है, यह एक प्रकार का योगासन कहा जाता है। भारत में कई परंपराएं ऐसी हैं, जिनका सीधा संबंध मनुष्य के स्वास्थ्य से है। ऐसी ही एक परंपरा जमीन पर बैठकर खाना खाने की है। भारतीय घरों में जिन लोगों के यहां आज भी खाना पारंपरिक तरीके से परोसा जाता है, वे जमीन पर बैठ कर खाना खाते हैं।
आजकल अधिकतर लोग जमीन पर बैठकर खाना नहीं खाते हैं, जबकि कुछ ऐसे हैं जो टीवी के सामने बैठ कर या बिस्तर पर बैठ कर खाना पसंद करते हैं। भले ही, यह आपके लिए बहुत आरामदायक हो, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। हमारे पूर्वजों ने निश्चित रूप से बहुत सोच कर जमीन पर सुखासन में बैठ कर खाने का विधान बनाया है। जमीन पर बैठकर खाने की आदत स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है।
आइए, जाने इसके लाभ …
1. इस तरीके से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।
2. जब आप सुखासन में बैठते हैं, तो आपका दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है
3. डाइनिंग टेबल की बजाए सुखासन में बैठ कर खाने पर खाने की गति धीमी होती है। यह पेट और दिमाग को सही समय पर तृप्ति का एहसास करवाता है। इस प्रकार सुखासन में बैठकर खाने पर आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं।
4. जब आप पद्मासन में बैठते हैं, तो आपकी श्रोणि, निचली पीठ, पेट के आसपास और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम आराम से अपना काम कर पाता है।
5. इसके अलावा, यह स्थिति किसी भी प्रकार से आपके पेट को पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालती, जिससे आपको खाने में और बेहतर ढंग से पचाने में मदद मिलती है
6. आमतौर पर जब आप जमीन पर बैठते हैं तो सुखासन में बैठते हैं। यह पाचन में मदद करने वाली मुद्रा है। जब आप भोजन करने के लिए इस मुद्रा में बैठते हैं, तो पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
7. इसके अलावा, जब आप जमीन पर बैठ कर खाना खाते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से खाने के लिए थोड़ा आगे झुकते हैं और खाने को निगलने के लिए वापस अपनी पहले वाली अवस्था में आ जाते हैं। इस तरह लगातार आगे और पीछे की ओर झुकने से आपकी पेट की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं। साथ ही, यह आपके पेट में एसिड को भी बढ़ाता है। इस तरह आपके लिए भोजन को पचाना बहुत आसान हो जाता है।
8. आमतौर पर जमीन पर बैठे कर खाना खाने की प्रथा एक परिवारिक गतिविधि है। सही समय पर यदि पूरा परिवार एक साथ खाना खाए तो आपसी सामंजस्य बढ़ता है।
9. अपने परिवार के साथ जुड़ने के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि जमीन पर बैठ कर भोजन करने से आपका मन शांत रहता है। इसलिए यह अपने परिवार के साथ जुड़ने का एक बेहतरीन कारण बन जाता है।
10. खाना खाने का ये पारंपरिक तरीका आपको समय से पहले बूढा नहीं होने देता हैं, क्योंकि इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं।
11. साथ ही, जो लोग कंधों को पीछे धकेलते हुए गलत मुद्रा में बैठने के कारण किसी तरह के दर्द से परेशान होते हैं, वह समस्या भी इस आसन में बैठकर खाना खाने से दूर हो जाती है।
12. एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग जमीन पर पद्मासन में या सुखासन में बैठते हैं और बिना किसी सहारे के खड़े होने में सक्षम होते हैं, उनकी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है। इस मुद्रा से उठने के लिए अधिक लचीलेपन और शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है।
13. इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि जो लोग बिना किसी सहारे के उठने में सक्षम नहीं थे, उनकी अगले 6 सालों में मरने की संभावना 6.5 गुना अधिक थी।
14. पद्मासन और सुखासन एक ऐसी मुद्रा है जो आपके पूरे शरीर को लाभ पहुंचाती है। ये केवल आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में ही मदद नहीं करती, बल्कि आपके जोड़ों को कोमल और लचीला बनाए रखने में भी मदद करती है।
15. गठिया व हड्डियों की कमजोरी जैसे रोगों से भी बचाती है। घुटने, टखने और कमर के जोड़ों को लगातार झुकाने के कारण यह उन्हें लचीला और रोगों से मुक्त रहने में मदद करती है। लचीलेपन के साथ जोड़ों में चिकनाई आती है, जिससे जमीन पर बैठने में आसानी होती है।
16. जो लोग सुखासन में बैठकर खाना खाते हैं, उनका दिमाग तनाव रहित रहने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि यह दिमाग को रिलैक्स और तंत्रिकाओं को शांत करता है।
17. आयुर्वेद में माना गया है कि मन को शांत रखकर खाना खाने से पाचन बेहतर होता है। साथ ही, खाने के बाद संतुष्टि का एहसास भी करवाता है।
18. जब आप जमीन पर बैठ कर खाना खाते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। इस तरह दिल बड़ी आसानी से पाचन में मदद करने वाले सभी अंगों तक खून पहुंचाता है, लेकिन जब आप कुर्सी पर बैठ कर खाना खाते हैं तो यहां ब्लड सर्कुलेशन विपरीत होता है।
19. इसमें सर्कुलेशन पैरों तक होता है, जो कि खाना खाते समय जरूरी।
20. पाचन संस्थान सही रहता है |
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