किसी भी फल के शर्करा के ऐसीटिक अम्ल में रासायनिक परिवर्तन कि प्रक्रिया के बाद प्राप्त बिलयन ही सिरका कहलाता है |
विशेष बैक्टीरिया की मदद से फलों के रस के एंजाइम के किण्वन कि प्रक्रिया से सिरका बन जाता है |
अंगूर, सेब, संतरे, अनन्नास, जामुन तथा अन्य फलों के रस, जिनमें मिठास काफी होता है, सिरका बनाने के लिए बहुत उपयुक्त हैं क्योंकि उनमें जीवाणुओं के लिए पोषण पदार्थ पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
उत्तरी भारत में गन्ने के रस का सिरका सामान्य प्रयोग में अत्यधिक प्रचलित है | जब कि मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य लाभों के कारण अब जामुन और सेब के सिरके का प्रयोग तेजी से बढ़ा है|
प्रायः भोजन के लिये प्रयुक्त सिरके में 4% से 8% तक एसेटिक अम्ल होता है।
आयुर्वेद में सिरके का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। सिरके के बहुत सारे लाभ हैं;
आप अपने बालों को सुंदर बनाने के लिए भी सिरके का प्रयोग कर सकते हैं। सिरका बालों के लिए अच्छा है ।
रुसी, जूं जैसी समस्याओं से बचने के लिए सिरके का प्रयोग लाभकारी है। बालों की अच्छी तरह से सफाई और बालों को स्वस्थ रखने में सिरके का इस्तेमाल किया जाता है।
बालों की कंडीशनिंग के लिए भी सिरके का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बालों में होने वाले फुंसी, फंगस और इसी तरह की अन्य समस्याओं को दूर करने और बैक्टीरिया इत्यादि को नष्ट करने में भी सिरके का प्रयोग किया जाता है।
बालों की चमक बरकरार रखने के लिए और बालों को मुलायम और सुंदर बनाने के लिए सिरके से किफायती कुछ भी नहीं।
सिरके से बालों को सीधा भी किया जा सकता है। यदि रूखे और घुंघराले बालों को सीधा करना है तो सिरके का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में आपको चाहिए कि आप सेब के सिरके से बालों को धोएं और इससे जल्द ही आप बाल सीधे कर पाएंगे।
सेब के रस वाले सिरके से रक्त शर्करा के नियन्त्रित होने के कारम यह वजन कम करने में सहायक है क्योंकि इन्सुलिन मुक्त शर्करा को वसा के रूप में संचित नहीं कर पायेगी।
भोजन के साथ सिरका खाने से रक्त स्यान यानि पतला होता है।
सिरका, चर्बी कम करने और शरीर से विषैले पदार्थ निकालने की प्रक्रिया में सहायक होता है |
सिरका बुद्धि में तीव्रता का कारण बनता है और ह्रदय के लिए लाभदायक होता है।
सिरका से रक्त से वसा और हानिकारक कोलिस्ट्रोल कम होता है।
सिरके में मौजूद साइट्रिक एसिड आहार में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा शोषित करने में मदद करता है और शरीर की भीतरी क्रियाओं के लिए अत्याधिक लाभदायक होता है।
सिरका, पाचनक्रिया के लिए हानिकारिक बैक्टीरिया का नाश करता है। जिन लोगों को पाचनतंत्र की समस्या और क़ब्ज़ तथा दस्त अथवा पेट दर्द में ग्रस्त हैं वह सिरका की सहायता से इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
कई लोग गले की खराश को दूर करने के लिये एक कप गरम पानी में एक चम्मच सिरके को पीने या गरारा करने की सलाह देते हैं। इसमें कुछ चम्मच शहद (एक और बहुआयामी उत्पाद) डालने से और भी प्रभावशाली होने के साथ-साथ पीने लायक हो जायेगी।
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nice article sir keep sharing