पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही है। आए दिन कीमतों में इजाफा हो रहा है। एेसे में ये जरूरी है कि अपने वाहन का ईंधन बचाया जाए। ईंधन की बचत से आप अपने बजट को भी यथा संभव संभाल पाएंगे।
भारत में कार खरीदते समय लोग सबसे ज्यादा ध्यान उसकी माइलेज पर देते है। पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादा माइलेज देने वाला कार लोगों की पहली पसंद बनता है। इन आसान टिप्स की मदद से आप अपने व्हीकल की माइलेज बढ़ा सकते हैं।
टायर के उचित प्रेशर पर ध्यान देने से न सिर्फ आप फ्यूल की बचत कर सकते हैं बल्कि इससे व्हीकल की सुरक्षा भी बढ़ती है। अगर ज्यादा लोड या वजन कैरी करना चाहते हैं तो व्हीकल हैंडबुक को पढ़कर उसके मुताबिक टायर प्रेशर में सुधार करें।
वाहन के टायरों में हवा का दबाव सही होना चाहिए, हवा की कमी ईंधन की खपत 1 फीसदी बढ़ा देती है। वाहन की रफ्तार 45-55 किमी प्रति घंटा के बीच रखें, 80-100 की गति पर ईंधन की खपत 30-40 फीसदी तक ज्यादा होती है।
व्हीकल की समय पर सर्विस और सही रखरखाव से इसकी माइलेज को बढ़ाने में मदद मिलती है क्योंकि गाड़ियों के घूमने वाले हिस्से जैसे इंजन और गियरबॉक्स को लुब्रिकेशन की जरूरत होती है। ऐसा नहीं करने पर इसका असर कार की माइलेज पर पड़ता है। इसके अलावा इंजन ऑइल चेंज, कूलैंट ऑइल का लेवल और चेन लुब्रिकेशन पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए।
अगर आप ट्रैफिक में 10 सेकंड्स से ज्यादा समय से फंसे हुए हैं तो कार का इग्निशन बंद कर दें, इससे फ्यूल बचेगा। इस गलतफहमी में न रहें कि फिर से इंजन चालू करने पर ज्यादा फ्यूल खर्च होगा। इस मामले में सावधानी बरतें तो वाहन में करीब 20 फीसदी तेल की खपत कम की जा सकती है।
इन दिनों जीपीएस गैजेट्स पर बिजी इंटरसेक्शंस, ट्रैफिक अपडेट्स और किसी रूट पर डाइवर्जन की सूचना मिल जाती है। जिस रूट पर ट्रैफिक है, उससे बचने और छोटे रूट का पता लगाने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करें।
जहां कलच की जरूरत न हो, वहां इसका इस्तेमाल न करें। नए व्हीकल चलाने वाले अकसर कलच पर ज्यादा जोर देते हैं। इससे ज्यादा फ्यूल खर्च होता है और इससे आपकी कलच प्लेट भी खराब हो सकती है। इंजन पर ज्यादा जोर न पड़े, इसके लिए गाड़ी चलाते समय लोअर गियर का इस्तेमाल करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं। अगर 150 सीसी इंजन वाले व्हीकल को 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तीसरे गियर में चलाते हैं तो ठीक है, इससे ऊपर जाने पर इंजन पर जोर पड़ेगा और इससे माइलेज पर असर पड़ेगा।
वाहन पर 50 KG का वजन कम करने से इधन की 2% तक बचत कर सकते हैं | एयरोडायनेमिक बनावट का ध्यान रखें, वाहन पर जरूरत से ज्यादा बाहरी एसेसरीज न लगाएं। अनावश्यक भार भी न लादें।
वाहन के ईंधन टैंक को पूरा कभी न भरें। अधिकांश लोग ये नहीं जानते हैं कि पेट्रोल कि ओस्क में एक रिटर्न पाइप लाइन भी होती है। जब पेट्रोल टैंक फुल हो जाता है तो एक प्रक्रिया के तहत मशीन वाहन के टैंक में से अतिरिक्त तेल को वापस ले लेती है।
अपनी कार या ट्रक में तेल सुबह सवेरे ही भरें जब तापमान कम होता है। याद रखें कि सभी सर्विस स्टेशनों पर स्टोरेज टैंक जमीन के अंदर ही होते हैं। वे जितना अधिक ठंडा रहेंगे, उतना ही घना पेट्रोल रहेगा। पेट्रोलियम कारोबार में ग्रेविटी और तापमान काफी अहम भूमिका रखता है। तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी भी काफी माएने रखती है।
तेल की टंकी कभी खाली न होने दें। टंकी आधा खाली होने पर ही तेल दोबारा डलवाएं। बिल्कुल खाली टंकी में भी पेट्रोल के उडऩे की संभावना ज्यादा होती है।
कार में एसी चलाने से बचें। एसी चलाने से दस प्रतिशत अतिरिक्त ईंधर खर्च होता है। अगर जरूरी हो तो कुछ देर चलाने के बाद पर्याप्त ठंडक होने पर एसी को बंद कर दें।
रक्षा निर्यात पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के…
भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023
World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर परिचय:…
Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव परिचय: राष्ट्रमंडल…
आतंकवाद विरोधी दिवस: मानवता की रक्षा करना और शांति को बढ़ावा देना आतंकवाद विरोधी दिवस परिचय:…
World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास 17…