आत्मचिंतन के दौर में क्षत्रिय समाज | महाराणा प्रताप जयंती विशेष

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महाराणा प्रताप जयंती विशेष

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“हल्दीघाटी का युद्ध याद अकबर को जब आ जाता था ,
कहते है अकबर महलों में , सोते-सोते जग जाता था!”

क्षत्रिय कुलभूषण श्री महाराणा प्रताप की जयंती पर मैं देश को शुभकामनायें देता हूँ | महाराणा प्रताप की गौरव गाथा को दोहराते हुए बलिदान हुए तमाम वीरों को भी नमन करता हूँ | राजा भवानी प्रसाद सिंह, गोंडा और राजा लक्ष्मण सिंह, बस्ती और सहित अनगिन हुतात्माओं के बलिदान को भी नमन करता हूँ जो महाराणा के आदर्शों पर चलते हुए बलिदान हुए |

आत्मचिंतन के दौर में क्षत्रिय समाज:

क्षत्रित्व का पतन तब हो गया जब हम वीरता की जगह वैभव को क्षत्रियता की पहचान बना लिए | क्षत्रियता को विलास का अधिकार तब था जब वो रणभूमि से वापस आता था | रौद्र रस के प्रभाव को साम्य करने के लिए श्रृंगार रस की अधिकता थी | परन्तु क्षत्रिय शौर्य का पतन तब हो गया जब श्रृंगार रस की प्रधानता तो बढती गई और क्षत्रिय शौर्य रणभूमि में “संधि” की भेट चढ़ता गया | गणिकाओं के साथ सोते सोते क्षत्रिय शौर्य का स्खलन स्वाभाविक था |

क्षत्रिय समाज को आत्म्संधान की आवश्यकता:

आज हमारे क्षत्रिय समाज को आत्म्संधान की आवश्यकता है | दिखावे और दारु में बिकते खेत, शिक्षा के खिसकते आधार, चारित्रिक पतन के बीच “दावते वलीमा” खाते हुए क्षत्रिय समाज को सम्यक दिशा की आवश्यकता है | मांसाहार को अपना पेटेंट अधिकार समझने वाले क्षत्रियों को ध्यान देना चाहिए की “लव जिहाद” जैसे शब्द मोबाइल के रास्ते गाँव में भी घुस रहे हैं |

कुल मिलाकर हमारे भारतीय सवर्ण समाज के पास सिर्फ अपने पूर्वजों की यशगाथा का गान करने के अलावा वर्तमान का कुछ भी ऐसा उल्लेखनीय नहीं है जिसे वो आज के समय में दिखा सकें | और आज का तथा कथित बुद्धिजीवी यह सोचता है की उसे पूर्वजों के नाम पर सम्मान रुपी “व्याज” खाने को मिलता रहे | इमानदारी से सोचें यह कब तक चलेगा ???

इस्लामिक आतंकवाद में क्षत्रिय समाज का उत्तरदायित्व:

आज राणा की जयंती पर यदि क्षत्रिय समाज सिर्फ अपने गाँव के सभी वर्गों की रक्षा का उत्तरदायित्व ले तो बहुत अच्छा होगा | यदि आप वैभवशाली हैं तो एक हरिजन के बच्चे के साल भर की फीस का बीड़ा उठाइए | बहुत सामाजिक वर्चस्व वाले हैं तो अपने गाँव के निम्न तबके के लोगों का इतना सहयोग तो करें की उसे कहीं घूस देने की आवश्यकता नहीं पड़े |

सम्पन्न ब्राह्मण को दान देने से अच्छा है किसी गरीब ब्राह्मण/ क्षत्रिय या हरिजन को आर्थिक सहयोग दें |

आज जब की इस्लामिक आतंकवाद हमारे दरवाजे पर आ खड़ा हुआ है और पूरा हिन्दू समाज भयभीत है, इसाई धर्मान्तरण का दीमक पूरे समाज को ध्वस्त करने पर आमादा है इस समय में क्षत्रिय समाज पर बहुत बड़ा उत्त्तार्दयित्व आ पड़ा है | इसके लिए हमें ग्रामीण स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा एवं हिन्दू समाज के रक्षार्थ खड़े होना होगा |

आज हर क्षत्रिय को “दिलीप सिंह जूदेव” बनने की आवश्यकता है |

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Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

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