गिलोय का परिचय, प्रयोग एवं औषधीय गुण | Giloy Information, Uses & Benefits in Hindi

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गिलोय का परिचय, प्रयोग एवं औषधीय गुण
Giloy Information, Uses & Benefits in Hindi

गिलोय का वैज्ञानिक नाम: Tinospora cordifolia

संस्कृत नाम: अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी

वंश: टीनोस्पोरा

गिलोय का पौधा एवं परिचय: 

#गिलोय एक ऐसी लता है जो भारत में सवर्त्र पैदा होती है।

गिलोय की बेल प्रायः कुण्डलाकार चढ़ती है।

बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता है।

गिलोय में बरबेरिम, ग्लुकोसाइड गिलाइन आदि रासायनिक तत्व पाए जाते हैं।

नीम पर चढी हुई Giloy उसी का गुड अवशोषित कर लेती है ,इस कारण आयुर्वेद में वही गिलोय श्रेष्ठ मानी गई है जिसकी बेल नीम पर चढी हुई हो ।

गिलोय का प्रयोग एवं औषधीय गुण:

एनीमिया में लाभ:

अगर आपको एनीमिया है तो गिलोय के पत्तों का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा गिलोय खून की कमी दूर करने में सहायक है इसे घी और शहद के साथ मिलाकर लेने से खून की कमी दूर होती है|

बुखार में लाभ:

गिलोय के 10 इंच का टुकड़ा और तुलसी के 8-10 पत्ते लेकर पेस्ट बना लें। उसको पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इसको दिन में 2 बार लेने से बुखार उतरता है।

पीलिया रोग में लाभ: 

गिलोय का एक चम्मच चूर्ण और काली मिर्च तथा शहद मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में फायदा मिलता है।

अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं. इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है|

कब्ज में लाभकारी:

गिलोय का चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करेंगे तो कब्ज को दूर किया जा सकता है।

पित्त की बिमारियों में Giloy का चार ग्राम  चूर्ण चीनी या गुड के साथ खालें तथा अगर आप कफ से संचालित किसी बीमारी से परेशान हो गए है तो इसे छः ग्राम कि मात्र में शहद के साथ खाएं ।

पैरों के तलवों की जलन में लाभ:

गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार कर लें और उसे सुबह-शाम पैरों पर और हथेलियों पर लगाएं| आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों का काढ़ा भी पी सकते हैं इससे भी फायदा होगा|

आंखें कमजोर होने पर:

बच्चों और बड़ों, दोनों में दृष्टि कमजोर हो जाना सामान्य दोष है। 10 मिली गिलोय का रस, शहद या मिश्री के साथ सेवन करने पर दृष्टि लाभ निश्चित है।

दिल की धड़कन में लाभ:

गिलोय Giloy तथा ब्राह्मी का मिश्रण सेवन करने से दिल की धड़कन को काबू में लाया जा सकता है।

मधुमेह में लाभ:

ग्लूकोज टोलरेंस तथा एड्रीनेलिनजन्य हाइपर ग्लाइसीमिया के उपचार में भी गिलोय आश्चर्यजनक परिणाम देती है। इसके प्रयोग से रक्त में शर्करा का स्तर नीचे आता है।

मधुमेह के दौरान होने वाले विभिन्न संक्रमणों के उपचार में भी गिलोय का प्रयोग किया जाता है।

कान दर्द में लाभ:

गिलोय Giloy के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।

साथ ही गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानों में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है|

गठिया में लाभ:

गिलोय का काढ़ा बनाकर पिलाने से गठिया का कष्ट मिटता है।

 

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Shweta Pratap

I am a defense geek

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