हासिम के "राम" का फटहा तिरपाल हूँ, बिक गया हिंदू सपाई ज्ञानदास हूँ । आजम-अखिलेश की अवैध संतान हूँ, बाबर…
बाबरी मस्जिद के शर्म का प्रमाण हूँ राम के अस्तित्व का मिटता निशान हूँ रामभक्तों की लाशों पे हंसता समाजवाद…
अन्न की बर्बादी एवं गरीबी पर कविता | अमीरी गरीबी शायरी | food wastage quotes: आंकड़े के परिणामों को यहाँ…
रेप की घटनाओं के विरुद्ध कविता !!! Poem on Nirbhaya Kand 2012 Memories देहली के ह्रदय पर जो कालिमा सी …
दबी अभिव्यक्ति को आज़ाद होने दो, रहीम रसखान और कलाम होने दो, वतन की आबरू के वास्ते ऐ दोस्त... इन…