समाज के द्वारा लिंग निर्धारण के बड़े आसान से मानदंड शिश्न और योनि है जो एक स्त्री पुरुष को पहचाने जाने का सामाजिक मानदंड है परंतु यह आसान मानदंड न तो चिकित्सकीय आधार पर सही है और ना ही प्रकृति के द्वारा इस पृथ्वी पर आए हुए समस्त मनुष्यों के लिए ही न्याय पूर्ण है ।
“इंटरसेक्स” यानि मध्यलिंगी वह व्यक्ति होते हैं जिन्हें जेनेटिक विकृति के कारण प्रजनन या यौन शरीर रचना विज्ञान के हिसाब से महिला या पुरुष के विशिष्ट परिभाषाओं में फिट नहीं कर सकते | उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के बाहर से महिला लगे, लेकिन अंदर ज्यादातर पुरुष- शरीर रचना हो या फिर एक व्यक्ति के गुप्तांग कि रचना सामान्य पुरुष और महिला जननांग के मिलते जुलते प्रतिरूप हों । उदाहरण के लिए, एक लड़की एक काफ़ी बड़ी भगनासा (clitoris) के साथ पैदा हो, पर योनि मार्ग नहीं विकसित हो, या एक लड़का विशेष रूप से छोटे लिंग के साथ अर्ध विकसित अंडकोष वाला हो जिसके अंडकोष, भगोष्ठ की तरह दीखते हों। ऐसी विकृति गर्भ में XX गुणसूत्रों और XY गुणसूत्रों के बीच गड्ड मड्ड के कारन होती है।
हालांकि हम इंटरसेक्स शरीर रचना विज्ञान की बात जन्म के समय कर रहे हैं पर यह हमेशा जन्म के समय प्रदर्शित नहीं होता है। कभी कभी एक व्यक्ति यौवन की उम्र तक पहुँच कर जान पाता है की वो इंटरसेक्स है बिना जाने बुढ़ापे में मर जाता है।
भौतिक रूप से लिंग एवं योनि के मिलावटी स्वरूप के साथ पैदा होने वाले इंटरसेक्स यानी मध्यलिंगी मनुष्य वास्तव में जेंडर यानि लिंग निर्धारण के पुरुष/स्त्री के बाईनरी सिस्टम में फिट नहीं बैठ सकते ।
इस तरह के मिलावटी जननांग के साथ पैदा होने वाले मनुष्य के जेंडर का निर्धारण वास्तव में उनके यौन अभिविन्यास अर्थात सेक्स ओरिएंटेशन से जुड़ा हुआ है जो पूरी तरह से उनके मस्तिष्क से जुड़ा विषय है |
इंटरसेक्स या मध्य लिंगी होना वास्तव में एक प्राकृतिक दोष है जिसमें किसी व्यक्ति का कोई दोष नहीं होता है इसलिए इस विषय पर शर्मा ना लगाना संकोच करना या छुपाना इसका निराकरण नहीं है और घुट-घुटकर जीवन बर्बाद करना इसका कोई हल नहीं है |
डॉक्टर के उचित परामर्श से कोई इंटरसेक्स एक नई और बेहतर जिंदगी पा सकते हैं । आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है यह किसी भी इंटरसेक्स अपने विकृत जननांग को स्त्री अथवा पुरुष के जननांग में परिवर्तित कर सकता है । इस तरह एक मध्यलिंगी व्यक्ति के जीवन को समाज की सामान्य धारा में लाया जा सकता है |
गोपी शंकर मदुरै, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव, 2016 में सबसे कम उम्र के उम्मीदवार और पहले खुले तौर पर इंटरसेक्स और Genderqueer व्यक्ति जिन्होंने इंटरसेक्स को भारत में पहचान हेतु आवाज उठाई । गोपी शंकर मदुरै एक हिंदू सन्यासी हैं।
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muje b kinnar banna he
Is the inter sex means hijra , kinnar or another sex pls reply