भारतीय सेना में ग्रेनेडियर्स का गठन ब्रिटिश शासन काल में 1778 में हो गया था, लेकिन 1945 में इस सैन्य इकाई का नाम परिवर्तित कर दिया गया ।
1757 में रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की पहली रेजिमेंट में ग्रेनेडियर की पहली दो कंपनियों को उठाया।
1779 और 1922 के बीच, ग्रेनेडियर की छह रेजिमेंटें थीं।
1922 में, जब ब्रिटिश ने भारतीय सेना के सुधारों का आयोजन किया, ग्रेनेडीयर्स का नाम 4 बंबई ग्रेनेडीर्स रखा गया था।
यहां तक कि 1947 से पहले ग्रेनेडीयर्स ने भारतीय उपमहाद्वीप के भीतर और बाहर ब्रिटिशों द्वारा लड़े हर बड़े युद्ध में हिस्सा लिया था। विदेशी युद्धों में अफगान युद्ध, बर्मा युद्ध, यमन युद्ध, फिलिस्तीन अभियान, अफ्रीका और चीन में युद्ध शामिल हैं।
इस यूनिट ने दोनों विश्व युद्धों और आज़ाद भारत के लिए लड़ी सभी जंगों में अपने युद्ध कौशल का लोहा मनवाया ।
यह प्रथम विश्व युद्ध के पहले 17 प्रमुख युद्ध सम्मान अर्जित किये। प्रमुख श्रीरंगपट्टनम, मिस्र, बेनी बू अली, किर्कि, एबिसिनिया, कंधार, बर्मा और सोमालिलैंड हैं।
वे सुबेदर रहीम खान हैं जिन्हें 1918 में ऑट्टोमन आर्मी के खिलाफ फिलिस्तीन में अपनी बहादुरी के लिए और 1933 में नाइक शिवलल दलाल को Indian Order of Merit सम्मानित किया गया था।
भारतीय सेना में ग्रेनेडियर्स की 19 टुकड़ियां सेवा दे रही हैं, जो युद्ध काल में किसी भी तरह के आक्रमण का जवाब देने में सक्षम हैं ।
इनका मुख्य कार्यालय मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित है । इस रेजिमेंट में 15,000 से ज्यादा सैनिक हैं।
ग्रेनेडियर्स का युद्धनाद और ध्येय वाक्य है ‘सर्वदा शक्तिशाली’ ।
ग्रेनेडियर्स भारतीय सेना के सबसे मजबूत रेजीमेंट्स में से एक माने जाते हैं । ग्रेनेडियर्स ने अपनी प्रतिष्ठा और ध्येय वाक्य को चरितार्थ करने के तमाम उदाहरण पेश किए हैं ।
अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान को बढ़ने से रोकने के लिए, ग्रेनेडियर्स को भेजा गया था । पाकिस्तानी हमलावरों के कश्मीर में प्रवेश को रोकने के लिए ग्रेनेडियर्स को ‘गुरेज’ घाटी को घेरना ज़रूरी था ।
कई दिनों तक चले युद्ध में ग्रेनेडियर्स ने पाकिस्तानी सेना और आतंकियों को बुरी तरह पराजित कर खदेड़ दिया । इस निर्णायक जीत के लिए 28 जून 1948 को इस यूनिट को ‘गुरेज’ नामक युद्ध पदक से सम्मानित किया गया ।
1965 में भारत-पाक युद्ध में ग्रेनेडियर्स ने चट्टान की भांति खड़े रह कर पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा दी ।
मरणोपरांत ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद उस समय 4th ग्रेनेडियर्स में शामिल थे । उन्होंने पाकिस्तान के सात पैटर्न टैंकों को अकेले ही ध्वस्त कर दिया था ।
वर्ष 1962 में चीनी सैनिकों ने सिक्किम के नाथूला दर्रे पर भारतीय ग्रेनेडियर्स को उकसाने के लिए जबरन इंटरनेशनल बॉर्डर से छेडछाड़ करने की कोशिश की।
जिसके जवाब में ग्रेनेडियर्स द्वारा 4 दिन तक की गई कार्रवाई में चीन को ग्रेनेडियर्स के अजेय युद्ध कौशल का पता चल गया। परिणामस्वरूप पहली बार चीन ने ‘सीज़फायर’ की पहल की।
वर्ष 1971 के ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम’ में इन्हीं ग्रेनेडियर्स ने जरपाल में पाकिस्तानी अटैक को ध्वस्त कर दिया था । इसके लिए 3rd ग्रेनेडियर्स की चार्ली ब्रिगेड के कमांडर मेजर होशियार सिंह को ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया ।
ग्रेनेडियर्स का मुख्य काम ध्वस्त कर देना ही होता है । इसीलिए इसे सबसे खतरनाक रेजीमेंट भी कहा जाता है ।
इनका पराक्रम वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के ‘ऑपरेशन विजय’ में भी देखा गया था । टोपोलिंग और टाइगर हिल की दुर्गम चोटियों पर नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते हुए 18th ग्रेनेडियर्स बटालियन ने पाक सैनिकों को मार भगाने में प्रमुख भूमिका निभाई ।
महज 19 साल के ग्रेनेडियर हवलदार योगेन्द्र सिंह यादव को उनके अतुल्य शौर्य के लिए ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया ।
ग्रेनेडियर्स मुंबई में आतंकी हमले के समय उतारी गई सेना का भी हिस्सा थे ।
ग्रेनेडियर्स श्रीलंका, कोरिया, सिओल आदि राष्ट्रों में शांति सेना के रूप में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं ।
इसे प्राप्त महत्वपूर्ण युद्ध सम्मानों में 1965 में असल उत्तर, 1971 का चक्र और 1999 के टॉलोलिंग एंड टाइगर हिल शामिल हैं।
अपनी वीरता के लिए ये रेजीमेंट 38 युद्ध पदक, 3 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 50 शौर्य चक्र और अन्य कई सारे सैन्य पदकों से सम्मानित हो चुकी है । यह रेजीमेंट सही अर्थों में भारत की विविधता में एकता को दिखाती है, क्योंकि इसमें जाट, कुमायूं, राजपूत, अहिर और गुज्जर आदि हर जाति-धर्म के सैनिक हैं ।
2015 में, ग्रेनेडियर्स ने मास्को विजय दिवस परेड में हिस्सा लिया था जो विश्व युद्ध II के अंत में यूरोप में जीत की 70 वीं वर्षगांठ की स्मृति में मनाया गया था।
रक्षा निर्यात पर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व प्रयासों के…
भारतीय द्वीप समूहों का सामरिक महत्व | दैनिक जागरण 27 मई 2023
World Anti Tobacco Day in Hindi तंबाकू-विरोधी दिवस: धूम्रपान-मुक्त दुनिया की ओर परिचय:…
Commonwealth Day in Hindi 2023 राष्ट्रमंडल दिवस: एकता और विविधता का उत्सव परिचय: राष्ट्रमंडल…
आतंकवाद विरोधी दिवस: मानवता की रक्षा करना और शांति को बढ़ावा देना आतंकवाद विरोधी दिवस परिचय:…
World Telecommunication Day (Information Society Day) in Hindi विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास 17…
View Comments
mere pitaji bhi grenadiers regiment m the or me bhi 15 grenadier hu .mujhe garv h ki m is desh ka senik hu
Mujhe bhi aap par garv hai Abhishek Singh ji. Bharat mata ki jai