भारत भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण में हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से तीन तरफ से घिरा हुआ है| नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों के तहत सागरमाला परियोजना के माध्यम से गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक समुद्र के तटवर्ती प्रमुख बंदरगाहों के विकास के साथ-साथ नए बंदरगाहों के निर्माण और जुड़ाव के लिए रेल एवं सड़क नेटवर्क का विकास किया जा रहा है इस तरह से दक्षिण भारत के बंदरगाहों के पुनरुत्थान तथा नए बंदरगाहों के निर्माण से विकास में एक तीव्र छलांग आने वाली है| और इसी विकास के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए उत्तर भारत के सभी प्रदेशों को बंदरगाहों से जोड़ने के लिए उत्तर भारत में सागर माला परियोजना की तर्ज पर गुजरात से हिमाचल प्रदेश, कश्मीर होते हुए मिजोरम तक भारत माला परियोजना का विकास किया जा रहा है जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले प्रदेशों में सीमा पर अच्छे रेल एवं सड़क नेटवर्क स्थापित किए जा सके जो उत्तर भारत के व्यापारिक हितों के साथ साथ भारत के सामरिक हितों का भी लक्ष्य साध सकें |
केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की देश के 17 राज्यों के तटीय एवं सीमा क्षेत्रों से गुजरने वाले 7 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना का नाम भारतमाला परियोजना है |
भारतमाला के तहत पूरब से पश्चिम यानी मिजोरम से गुजरात तक लगभग पांच हजार किमी लंबाई की सड़कें बननी है। अगर सब ठीक रहा तो ये दोनों परियोजनाएं मिलकर अगले 10 साल के दौरान देश की आर्थिक तस्वीर में एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं. सागरमाला को सरकार की दूसरी महत्वाकांक्षी योजना भारतमाला से भी जोड़ा जाएगा.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ₹ 2.6 लाख करोड़ पर एक कैबिनेट नोट तैयार किया है जिसके अनुसार भारत माला परियोजना का खर्च USD 39 अरब है| इस परियोजना में भारत की सीमाओं पर सड़कों, तटीय क्षेत्रों, बंदरगाहों, धार्मिक पर्यटक स्थलों में से 25,000 किलोमीटर सडकों का निर्माण किया जाएगा और साथ ही 100 से अधिक जिला मुख्यालयों को इससे जोड़ा जायेगा |
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश 2015-16 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतमाला व्यापक योजना है और इस पर 2,67,200 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। समीक्षा के अनुसार सरकार तटवर्ती क्षेत्रों या सीमावर्ती इलाकों से लगे 7,000 किलोमीटर राज्य सड़कों के विकास पर 80,520 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा पिछड़े क्षेत्रों, धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाली 7,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण पर 85,250 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है।
परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा, पंजाब से होते हुए हिमालयी राज्यों के पूरे स्ट्रिंग को कवर करेगा जिसमें- जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड शामिल होगा | उसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई के साथ की सीमाओं के कुछ भागों से होते हुए यह सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश होते हुए मणिपुर और मिजोरम तक भारत-म्यांमार सीमा पर ख़त्म होगा।
उत्तराखंड के चार-धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री) भी भारत मेला परियोजना के तहत उन्नत सड़क मार्गों से जुड़ेंगे | इस तरह से उत्तर भारत में धार्मिक यात्रा और परिवहन में वृद्धि होगी |
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