कुछ दिनों पहले ही नरेंद्र मोदी सरकार ने FDI पर बड़ा फैसला लिया है और कुछ चुने हुए क्षेत्रों में १००% विदेशी निवेश को हरी झंडी दे दिया |
एफडीआई क्या है?
एफडीआई को अगर सामान्य भाषा में परिभाषित किया जाए तो किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) कहलाता है. ऐसे निवेश में निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है. आमतौर पर यह माना जाता है कि किसी निवेश को एफडीआई का दर्जा दिलाने के लिए कम से कम कंपनी में विदेशी निवेशक को १० फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है. इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है.
देश में विमर्श चल पड़ा है प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के फायदे और नुकसान के ऊपर | आइये जानते हैं इसके लाभ |
1. विदेशी पूंजी के प्रवाह। देश की पूंजी आधार बढ़ जाती है |
2. कर राजस्व में वृद्धि।
3. जीडीपी विकास दर से बूस्ट होती अर्थव्यवस्था।
4. प्रतियोगिता, उत्पादकता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि।
5. बड़े रोजगार के अवसर – खुदरा क्षेत्र में FDI से नौकरियों के लाखों अवसर पैदा होते हैं।
6. प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता के प्रवाह और ज्ञान में वृद्धि ।
7. बुनियादी सुविधाओं में सुधार के साथ विकास और समृद्धि लाएगा।
8. उत्पादन की लागत कम करता है । उत्पादों की कीमतें नीचे आ जाएगा।
9. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि।
10. उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए उन्हें स्थानीय व्यवसायों और उद्योगों के विकास में मदद मिलेगी।
11. खाद्य बर्बादी में कमी: आज भोजन का एक बड़ा हिस्सा लगभग 30%-40% परिवहन में व्यर्थ हो जाता है। हम अनाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा बर्बाद कर रहे हैं | सरकार की भंडारण और रखरखाव में भी बर्बादी होती है । अधिक निवेश से आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और विश्व स्तर के कोल्ड स्टोरेज की सुविधा से हमें अनाजों की बर्बादी को खत्म करने में सहायता मिलेगी |
12. किसानों को लाभ: विकास की धरा में बहुत पीछे छूट गया किसान भी FDI का बहुत लाभ पाता है | दुनिया भर में बड़ी खुदरा कंपनियों द्वारा सीधे उत्पाद खरीदने से किसानों को कम से कम 15% – 20% से अधिक कीमतें मिलती है।
13 विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि: खुदरा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने में सरकार के प्रस्ताव के अनुसार अरबों डॉलर का निवेश होगा जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी।
14. उपभोक्ता को व्यापक विकल्प: खुदरा कंपनियों में से ज्यादातर बड़े पैमाने पर काम करते हैं, वे बड़ी संख्या में उत्पाद किस्मों को तैयार करते हैं जो आम तौर पर आपके पड़ोस की किराना भंडार की दुकान में उपलब्ध नहीं होता है |
15. खाद्य महंगाई दर में कटौती: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि खुदरा विक्रेताओं के बीच बाजार में एक मजबूत प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा और इससे खरीदार को लाभ होता है | खाद्य पदार्थों की कीमतों को कम करने और स्टॉक भी आपूर्ति बाधा को कम करने में मदद करेगा।
16. एफडीआई से आयत काम होगा: देश की क्षमता में सुधार के लिए घरेलू उत्पादन जरुरी है इससे हमारे देश का पैसा बचता है । और निश्चित रूप से, यह रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। भारतीय उत्पादकता में सुधर से देश विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो जाएगा। उच्च प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता हमारे देश के लिए बेहद आवश्यक है |
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Bhar ki compny ko nives krne se india ki arth biwastha bi shudhar hoga ...our bharat sarkar jo h jo videshi cmpny nves kregi uska sawamitwa apne pass rkhegi ..20% ab koi bi des gulm nhi bna skta