हींग को अंग्रेजी Asafoetida कहते है| हींग सौंफ़ की प्रजाति का एक ईरान मूल का पौधा जिसकी ऊंचाई 1 से 1.5 मी. तक होती है। अक्सर घरों में सब्ज़ियों व दालों में हींग डाली जाती है। हींग खाने में खुशबू के साथ-साथ उसका स्वाद भी बढ़ा देती है। हींग कब्ज, बदहजमी, पेट के रोग आदि कई रोगों में फायदेमंद सिद्ध होता है। आइये जानते है हींग के फायदे एवं उपयोग…
वानस्पतिक नाम: पेफरूला ऐसंपेफटिडा
हींग का अंग्रेजी नाम: Asafoetida
हींग का संस्कृत नाम: हिङ्गु
परिवार: एपिएसी
वाणिज्यिक अंग: प्रकन्दों व मोटे जडों से निकाले गए तैलीराल
हींग, फेरूला, जो एक बारहमासी शाक है के विभिन्न वर्गों के भूमिगत प्रकन्दों व ऊपरी जडों से रिसनेवाले शुष्क वानस्पतिक दूध है। ये पौधे भूमध्यसागर क्षेत्र से लेकर मध्य एशिया तक में पैदा होते हैं।
भारत में यह कश्मीर और पंजाब के कुछ हिस्सों में पैदा होता है| कच्ची हींग का स्वाद लहसुन जैसा होता है, लेकिन जब इसे व्यंजन में पकाया जाता है तो यह उसके स्वाद को बढा़ देती है।
ये पौधे-ईरान, अफगानिस्तान, तुर्किस्तान, ब्लूचिस्तान, काबुल और खुरासन के पहाड़ी इलाकों में अधिक होते हैं। हींग इस पौधे का चिकना रस है।
हींग 2 तरह की होती हैं- 1. हींग काबूली सुफाइद (दुधिया सफेद हींग) 2. हींग लाल (लाल रंग)
#हींग का तीखा व कटुआ स्वाद है और उसमें सल्फर की मौजूदगी के कारण एक अरुचिकर तीक्ष्ण गन्ध निकलता है ।
हींग का अधिकाधिक उपयोग करी, सॉसों व अचारों में सुगन्ध लाने के लिए होता है।
इसके प्रतिजैविकी गुण के कारण इसे दवाइयों में भी प्रयुक्त किया जाता है ।
यह पाचन सम्बन्धी रोगों जैसे अपच, गैस, भूख की कमी आदि को भी दूर करती है
हींग की चने के आकार की गोली बनाकर घी के साथ निगलने से अजीर्ण और पेट के दर्द में लाभ होता है।
भोजन करने से पहले घी में भुनी हुई चने के बराबर हींग एवं अदरक का एक छोटा टुकड़ा, मक्खन के साथ लें। इससे भूख लगेगी|
गैस के रोग में हींग, काला नमक और अजवाइन को पीसकर चूर्ण बनाकर सेवन करने से लाभ होता है।
चने के बराबर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाने से पीलिया में लाभ होता है।
हींग को 10 ग्राम गुड़ में मिलाकर खाने से हिचकियां आना बंद हो जाती हैं। 2 ग्राम हींग, 4 पीस बादाम की गिरी दोनों को एक साथ पीसकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
भुनी हुई हींग, काला नमक, अजवायन को समभाग लेकर देशी घी साथ प्रातः-सांय सेवन करने से डकार, गैस अपच में लाभ मिलता है।
हींग को गर्म पानी में मिलाकर लेप बनाकर नाभि के आस-पास गाढ़ा लेप लगाने से पेट दर्द शान्त होता है।
शुद्ध हींग को घी में मिलाकर चाटने से पेट की बीमारी में लाभ मिलता है।
हींग को चम्मच भर पानी में गर्म करके रूई भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे रखें। इससे दांतों का दर्द ठीक होता है
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