भारत में सुपारी का प्रयोग दो तरह से किया जाता है एक पूजा-पाठ में और दूसरा पान व पान मसाले में, लेकिन बहुत कम लोग ही ये जानते हैं कि सुपारी के औषधीय गुणों से भरी है।
सुपारी (Areca nut) में प्रोटीन 4.9%, कार्बोहाइड्रेट 47.2%, वसा 4.4% और खनिज द्रव्य 1% होता है।
इसमें टैनिन, गैलिक एसिड, लिगनिन, एरिकोलिन और एरीकेन जैसे एल्केलायड भी पाए जाते हैं।
सुपारी (Areca nut) को कसैली, छालिया, डली, पुंगीफल आदि नाम से भी जानते है |
सुपारी (Areca nut) नारियल की जाति का एक पेड़ है |
वृक्ष 40 से 100 फुट तक ऊँचा होता है । इसके पत्ते नारियल के समान ही झाड़दार और एक से दो फुट तक लंबे होते हैं ।
इसमें छोटे छोटे फूल लगते हैं, फल 1-2 इंच के घेरे में गोलाकार या अंडाकार होते हैं|
इसके पेड़ बंगाल, आसाम, मैसूर, कनाड़ा, मालाबार तथा दक्षिण भारत के अन्य स्थानों में होते हैं ।
मसूड़ों से खून आने पर:
मसूड़ों से खून आने पर सुपारी को मोटा कूट कर काढ़ा बना लें। इस काढ़े से नियमित कुल्ला करने से लाभ होता है। साथ ही इसकी भस्म को दंत मंजन में मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से भी लाभ होता है।
मधुमेह के उपचार में लाभ:
मधुमेह के कारण कई लोगों को बार-बार मुंह सूखने की समस्या होती है। इसलिए ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि जब भी मुंह सूखे एक सुपारी का टुकड़ा मुंह में रखें, क्योंकि इसे चबाने से बड़ी मात्रा में सलाइवा निकलता है।
घाव में लाभ:
घाव होने पर इसके काढ़े से घाव को धोकर इसका बारीक चूर्ण लगाने से रक्त बहना बंद हो जाता है और घाव भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है।
दांतों की सड़न से बचाव:
सुपारी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे जलाकर उसका पावडर बना रोजाना मंजन के रुप में इस्तेमाल करने से दांतों की सड़न से बचाव किया जा सकता है। इससे आपके दांत भी चमकने लगते हैं।
डिप्रेशन में लाभ:
#सुपारी के खाने से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होता है। इस पर हुए एक रिसर्च से भी यह बात सामने आई कि इसे चबाने से तनाव महसूस नहीं होता है। जिससे आप डिप्रेशन की बिमारी से बचते हैं।
सुपारी में मौजूद टैनीन नामक तत्व एंजियोटेनसिन हाई ब्लडप्रेशर के कंट्रोल में उपयोगी हैं।
स्किज़ोफ्रेनिअ में लाभ:
एक प्रारंभिक शोध में पाया गया हैं कि जिन लोगों को स्किजोफ्रेनिआ है अगर वे सुपारी का उपयोग करते हैं तो स्किजोफ्रेनिआ के लक्षणों में सुधार होता है|
सुपारी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो विषैले पदार्थों और फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे हमारा शरीर रोगों से बचा रहता है।
नियमित सुबारी चबाने से आपको घेघा (oesophagus) कैंसर का खतरा हो सकता है। इसमें मौजूद एल्कलॉइड और पोलयफेनोल से कैंसर का खतरा होता है।
अत्यधिक सुपारी चबाना दांतों के लिए हानिकारक होता है|
सुपारी का उपयोग अस्थमा और गर्भावस्था में हानिकारक होता है|
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