इस बार चुनाव आयोग ने 10 लाख पोलिंग बूथ की स्थापना किया है जो पिछली बार से 10% ज्यादा है।
पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 में किसी भी प्रत्यासी के लिए उसके अपराधिक आंकड़ों को अखबार या न्यूज़ चैनल पर प्रकाशित करने की अनिवार्यता लागू की गई।
पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 में EVM तथा पोस्टल बैलट पर प्रत्याशी के नाम और सिंबल के साथ पार्टी का नाम और फोटो भी दिए गए जिससे की एक ही नाम के दो प्रत्याशी खड़े होने पर कोई भ्रम न हो।
देश में पहली बार Voter Verifiable Paper Audit Trail यानि VVPAT का प्रयोग किया गया।
लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 22.3 लाख बैलेट यूनिट, 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट और 17.3 लाख वीवीपैट इस्तेमाल हुई।
लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार 17.3 लाख वीवीपैट में से 20,625 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया गया और शत प्रतिशत वोटों का मिलान सही रहा।
लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग को 90 करोड़ मतदाताओं के लिए व्यवस्था करनी थी। यह युरोप और ब्राज़ील की सकल जनसँख्या के बराबर है।
8 करोंड़ लोग लोकसभा चुनाव 2019 में अपने मताधिकार का प्रयोग पहली बार करेंगे।
डेढ़ करोंड़ वोटर्स की उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच रही।
पहली बार 12 बड़े साइज़ के EVM मशीन तेलंगाना के निज़ामाबाद में 185 प्रत्याशियों को कवर करने के लिए प्रयोग किये गए।
देश के सबसे अमीर प्रत्याशी तेलंगाना के चेवेल्ला सीट से कांग्रेस के KV रेड्डी हैं जिनकी कुल संपत्ति 895 करोंड़ है।
देश के सबसे अमीर प्रत्याशी तेलंगाना के चेवेल्ला सीट से निर्दल नल्ला प्रेम कुमार हैं जिनकी कुल संपत्ति 500 रुपये है।
पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाता पहचान पत्र की जगह आप 12 अन्य दस्तावेजों के साथ वोट कर सकते थे।
हिमाचल का तशिगांग पोलिंग बूथ संसार का सबसे ऊँचा पोलिंग बूथ था| यह 15256 फीट पर था। यह लोकसभा चुनाव 2019 के रोचक तथ्य में महत्त्व पूर्ण है। यह 2019 Lok Sabha Election Facts में महत्वपूर्ण है।
अरुणाचल में एक वोटर के वोट के लिए चुनाव टीम के एक सदस्यों के दल को पूरा एक दिन पैदल यात्रा कर के गंतव्य पर पहुंचना पड़ा।
इतिहास का सबसे लम्बे समय तक चलने वाला देश का मतदान था लोकसभा चुनाव 2019। यह पूरे 39 दिनों का रहा जबकि 2014 का चुनाव 36 दिनों का था।
लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे कम उम्र में चुनाव जीत लोकसभा पहुँचने वाले तेजस्वी सूर्या हैं जो 28 साल की उम्र में बेंगलुरु दक्षिण सीट से 331192 वोट से चुनाव जीते।
नवसारी संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी श्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे प्रचंड फोटो से विजय प्राप्त की। चंद्रकांत को नवसारी में हर 100 वोटों में से 75 वोट मिले और इन्होंने 689668 वोटों के मार्जिन से अपने प्रतिद्वंदी विजय प्राप्त की जो नरेंद्र मोदी के वोट मार्जिन से भी ज्यादा है।
भारत में सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड आज भी BJP की प्रीतम मुंडे के नाम है। उनके पिता और बीजेपी के नेता गोपीनाथ मुंडे के 2014 में निधन के बाद महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने 6 लाख 96 हजार वोट हासिल किए थे। यह 2019 Lok Sabha Election Facts में महत्वपूर्ण है
लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे कम अंतर से जिन्होंने जीत दर्ज की है, उनका नाम भोलानाथ है। उन्होंने बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और बहुजन समाज पार्टी को महज 181 वोटों से मात दी।
पूरे देश में BJP को 37.4% प्रतिशत वोट एवं NDA को 45% वोट मिला जो अब तक का सर्वाधिक है।
लोकसभा चुनाव 2019 में समस्त धार्मिक व जातीय समीकरण ध्वस्त हो गए और तमाम अन्य पूर्वाग्रही धारणाओं को भी ध्वस्त किया।
दुनिया के सबसे ऊंचे ऊंचे मतदान केन्द्र ताशिगांग गांव में रविवार को 142.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। ताशिगांग की मतदाता सूची में महज 49 मतदाता पंजीकृत हैं और कुल 70 मतदाताओं ने गांव के मतदान केंद्र पर सातवें व अंतिम चरण में वोट डाला। सभी वोटों को वैध घोषित किया गया।
325,325 ट्रांसजेंडर लोग पहली बार पुरुष या महिला के रूप में नहीं, तीसरे लिंग के सदस्य के रूप में मतदान कर सकेंगे। यह 2019 Lok Sabha Election Facts में महत्वपूर्ण है
इस चुनाव में भारतीय राजनीति से वंशवाद के नाश के भी संकेत मिल रहे हैं। गांधी परिवार, सिंधिया परिवार, मुलायम परिवार, लालू परिवार, चौधरी चरण सिंह परिवार, हुड्डा परिवार, चौटाला परिवार, देवेगौड़ा परिवार आदि को इस चुनाव में भारी धक्का लगा है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है।
‘Candidate’ शब्द लैटिन भाषा के ‘Candidatus’ से आया है।
भारत का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र एवं स्वायत्त संस्था है और यह किसी भी राजनैतिक प्रभाव से मुक्त है।
भारत में चुनाव में सुधारों के लिए T. N. शेषण और जेम्स माइकल लिंगदोह के कार्यकाल सर्वश्रेष्ठ रहे।
1996 में तमिलनाडु के मोडाकुरिची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक सीट के लिए 1033 उम्मीदवार खड़े हुए थे। उस समय मतपत्र एक पुस्तिका के रूप में छापना पड़े थे!
अटल बिहारी वाजपेयी चार राज्यों (उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और दिल्ली) से निर्वाचित होने वाले एकमात्र राजनेता हैं! वे 1957, 1967 में बलरामपुर से, 1971 में ग्वालियर से, 1977, 1980 में नई दिल्ली से, 1991 में विदिशा से, 1996 में गांधीनगर से और 1991, 1996 व 1998 में लखनऊ से जीते।
एक मतदान केंद्र पर सबसे कम मतदान 3 है। ऐसा अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला जिले में हुआ था!
1950 के दशक में बजाए मतपत्र के प्रत्येक उम्मीदवार के लिए अलग मतपेटी का इस्तेमाल किया गया। अलग-अलग रंग की मतपेटी, अलग-अलग पार्टी से संबंधित थी!
39 साल बाद अमेठी से गाँधी परिवार हार गया।
क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के 5 सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्रों में
क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के 5 सबसे छोटे निर्वाचन क्षेत्रों में
1977 में अभिनेता देवानंद ने इंदिरा गांधी के विरोध में एक राष्ट्रीय दल का गठन किया था, लेकिन एक माह के अंदर ही वह गुमनाम हो गई और उसका कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरा।
देश में पहले चुनावों के लिए गोदरेज कंपनी ने 17 लाख बैलेट बॉक्स बनाए थे और एक बॉक्स के बदले में सरकार ने पांच रुपए का भुगतान किया था।
धरती पकड़ के नाम से मशहूर काका जोगेन्दर सिंह 25 बार चुनाव हारे। वे वीपी सिंह और राजीव गांधी जैसे कई बड़े नेताओं के ख़िलाफ भी उम्मीदवार रहे।
कई बार ऐसे मामले में भी सामने आये हैं जब किसी उम्मीदवार ने चुनाव जीत लिया, लेकिन अपनी जमानत नहीं बचा पाया। ऐसा एक मामला 2012 के दिल्ली नगर निगम के चुनावों में सामने आया था। दरअसल, यहां जीतने वाले उम्मीदवार को चुनावों में कुल 6,681 मत मिले, लेकिन जमानत जब्त होने से बचने के लिए उन्हें 6,720 मत चाहिए थे। इसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था।
2019 में नरेन्द्र मोदी को लोक सभा में क्यों जितना जरुरी था, यहाँ पढ़ें:
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