भारत के प्रधानमंत्री मोदी के तेज रफ़्तार वाले भारत के स्वप्न को साकार करने के लक्ष्य के साथ ही रेलवे द्वारा वायुसेवा कितनी श्रेष्ठता बनाये रखने के क्रम में सरकार ने कुछ कंपनियों से देश में द्रुतगामी नेटवर्क रेलों के लिए संपर्क किया है | इसके लिए मैग्लेव तकनिकी वाले रेल नेटवर्क के विकास की प्रबल संभावना है |
शंघाई मैग्लेव प्रति घंटे 430 किलोमीटर (267 मील) के शीर्ष गति से यात्रा करता है। दुनिया की सबसे तेज ट्रेन, फ्रांस की मैग्लेव ट्रेन टीजीवी, अप्रैल 2007 में प्रति घंटे 574.8 किमी प्रति घंटे (357.2 मील) की रिकार्ड गति दर्ज की गई।
अगर थ्योरी के हिसाब से देखें तो मैगलेव ट्रेन 67 घंटे से भी कम समय में पूरी धरती के व्यास का चक्कर लगा सकती है।
जापान की बुलेट ट्रेन टोक्यो से नागोया पहुंचने में 88 मिनट का समय लेती है, जबकि मैगलेव ट्रेन इस दूरी को 40 मिनट में तय करेगी। अगर ये ट्रेन भारत की पटरियों पर दौड़ेगी तो बिहार से दिल्ली तक पहुंचने में मात्र डेढ़ घंटे लगेंगे।
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