सत्संगति पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Slokas on Satsangati

सत्संगति पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Slokas on Satsangati असज्जनः सज्जनसंगि संगात् करोति दुःसाध्यमपीह साध्यम् । पुष्याश्रयात् शम्भुशिरोधिरूठा पिपीलिका चुम्बति चन्द्रबिम्बम् ॥ सज्जन के सहवास से असज्जन दुःष्कर कार्य को…

स्वभाव पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Shlokas on Human Nature with Meaning

स्वभाव पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Shlokas on Human Nature with Meaning न तेजस्तेजस्वी प्रसृतमपरेषां प्रसहते । स तस्य स्वो भावः प्रकृति नियतत्वादकृतकः ॥ तेजस्वी इन्सान दूसरे के तेज को…

मन/ बुद्धि पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Subhashitani Shlokas on Mind with Meaning

मन/ बुद्धि पर संस्कृत श्लोक | Sanskrit Subhashitani Shlokas on Mind with Meaning इस  रचनात्मक का  सिद्धांत कहता है कि ‘विश्व में किसी भी वस्तु का भौतिक निर्माण होने से…

बुद्धिमत्ता पर सुभाषितानि | Sanskrit Subhashitani Shlokas on Intelligence with Hindi Meaning

बुद्धिमत्ता पर सुभाषितानि | Sanskrit Subhashitani Shlokas on Intelligence with Hindi Meaning   देशाटनं पण्डित मित्रता च वाराङ्गना राजसभा प्रवेशः । अनेकशास्त्रार्थ विलोकनं च चातुर्य मूलानि भवन्ति पञ्च ॥ देशाटन, बुद्धिमान से…

संस्कृत नीति श्लोक अर्थ सहित | Sanskrit ke Shlok Arth Sahit

संस्कृत नीति श्लोक अर्थ सहित अल्पानामपि वस्तूनां संहति: कार्यसाधिका तॄणैर्गुणत्वमापन्नैर् बध्यन्ते मत्तदन्तिन:। छोटी­ छोटी वस्तुएँ एकत्र करने से बडे काम भी हो सकते हैं। जैसे घास से बनायी हुर्इ डोरी…

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