बलूचिस्तान वास्तव में पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो लगातार अपनी स्वतंत्रता की मांग करता है परंतु पाकिस्तान के द्वारा इसकी स्वतंत्रता की मांग को दरकिनार कर अपना दावा होगा जाता है बलूचिस्तान आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति की भक्ति परंपरा से प्रभावित रहा है एवं ईरानी सूफी संस्कृति के आधार पर जीवन जी रहा है |
आइए जानते हैं बलूचिस्तान से जुड़े हुए कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts about Balochistan):
बलूचिस्तान पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है| यहां की राजधानी क्वेटा है | यह पाकिस्तान के कुल क्षेत्रफल का आधा है| पाकिस्तान की आबादी का 3|6% यहां रहता है|
बलूचिस्तान का विस्तार, ईरान पठार के दक्षिण पश्चिम इलाके पर है | बलूचिस्तान में 7000 ईसा पूर्व कृषि के साक्ष्य मिलते हैं जो सिंधु घाटी सभ्यता से काफी पहले के मेहरगढ़ खुदाई से जुड़े हुए हैं | बलूचिस्तान सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चिमी सीमा चिह्नित की जाती है |
यह पाकिस्तान का बहुत पिछड़ा-ग़रीब क्षेत्र है, लेकिन खनिज के क्षेत्र में समृद्ध है, जिसका लाभ यहीं की जनता को नहीं मिल पा रहा है| 1948 से ही ये लोग आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं|
बलूचिस्तान पाकिस्तान के सोने की खान है| 1952 में यहां के डेरा बुगती में गैस भंडार मिला था| 1954 में गैस उत्पादन शुरू हो गया| बलूचिस्तान को छोड़ दूसरे हिस्सों में सप्लाई हुई| 1985 में जाकर गैस पाइपलाइन से क्वेटा जुड़ा|
बलूचिस्तान के Saindak सोने और तांबे के अत्यंत समृद्ध भंडार हैं | यह Reko Diq क्षेत्र में Chagai जिला में मौजूद है जिसे पाकिस्तान ने चीन की भागीदारी है खनन करना शुरू किया है। इन खानों को दुनिया में तांबे का तीसरा सबसे बड़ा स्त्रोत माना जा रहा है।
इन खानों से लाभ में चीन को 75%, पाकिस्तान को 25% मिला लेकिन इस क्षेत्र को महज 2 प्रतिशत हिस्सा मिला|
इन खानों से संभावित 9 लाख से 2|2 करोड़ टन वार्षिक तांबा उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है।
मशहूर ग्वादर बंदरगाह (Gwadar Port) बलूचिस्तान में स्थित है और चीन ओवरसीज़ पोर्ट होल्डिंग कंपनी इसकी ऑपरेटर है।
चगई मरुस्थल के रास्ते चीन से व्यापार का रास्ता है| नीचे चित्र से समझ सकते हैं की चीन के लिए बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट का क्या महत्व है !!! चीन की जहाजों को संसार के लगभग आधे हिस्से का चक्कर लगाने से बचने के लिए ग्वादर पोर्ट जरुरी है |
बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा का इतिहास कम से कम 11 वीं शताब्दी पुराना है, जब यह गजनवी के महमूद द्वारा कब्जा कर लिया गया था।
क्वेटा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गुणवत्ता पूर्ण सूखे फलों के उत्पाद के लिए जाना जाता है।
क्वेटा में और आसपास फलों के विशाल बगीचों के कारण, यह शहर पाकिस्तान के फल उद्यान के रूप में जाना जाता है।
राजधानी क्वेटा पाकिस्तान का सबसे प्रमुख उच्च ऊंचाई पर बसा शहर है।
15 अगस्त 1947 को बलूचिस्तान ने आजादी का ऐलान भी कर दिया था लेकिन 1948 में उन्हें दबाव के तहत पाक के साथ मिलना पड़ा|
बुज़कशी, अफगानिस्तान का राष्ट्रीय खेल भी बलूचों के द्वारा यहां खेला जाता है। इस खेल में दो टीमें एक दूसरे से एक बकरी शव छीनने का प्रयास करती हैं और मैदान के बीच गोले में डालती हैं।