M777 हॉवित्जर के 30 रोचक तथ्य और विशेषताएं | M777 Howitzer Indian Army

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आज भारतीय प्रिंट मीडिया की मुर्खता पर हंसी आ रही है की वह Howitzer को हॉवित्जर लिख कर प्रसारित कर रही है जबकि howitzer का सही हिंदी उच्चारण “होइटसर” है |

भारत और अमेरिका ने करीब 5000 करोड़ रुपये में 145 M777 हॉवित्जर  तोपों का सौदा किया है। भारत इन अत्याधुनिक तोपों को चीन से लगी सीमा पर तैनात करेगा।

भारत ने हॉवित्जर  (howitzer) तोपों के लिए अमेरिका के साथ करार करने की औपचारिकताएं पूरी करते हुए स्वीकृति पत्र पर दस्तखत किए हैं। 145 अमेरिकी हल्की हॉवित्जर  तोपों के लिए इस करार की कीमत 5000 करोड़ रुपये हाल ही में कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी ने स्वीकृत की है। इस सौदे पर दस्तखत 15वीं भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की दो दिवसीय बैठक शुरू होने पर किए गए हैं।

M777 हॉवित्जर के 30 रोचक तथ्य और विशेषताएं | M777 Howitzer Indian Army | M777 Howitzer Specifications:

– भारत सरकार अपनी आर्मी के लिए 2027 तक मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम चला रहा है। इस पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।

– M 777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) बीएई सिस्टम्स ‘ग्लोबल कॉम्बैट सिस्टम्स डिवीजन द्वारा निर्मित है।

–  M 777  होइटसर का विकास VSEL (Vickers Shipbuilding and Engineering) के आयुध विभाग द्वारा बैरो-इन-फर्नेस यूनाइटेड किंगडम में किया गया था |

– M 777 होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) 155mm का तोपखाना है जो M198 होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) 2005 का उत्तराधिकारी है, यह संयुक्त राज्य अमेरिका मरीन कोर और संयुक्त राज्य अमेरिका सेना में कार्यरत है।
– M 777 होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) अफगानिस्तान में युद्ध में दुनिया के सामने आया।

– जून 2006 में हॉवित्जर का लाइट वर्जन M 777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) खरीदने के लिए भारत-अमेरिका की बातचीत शुरू हुई थी। भारत इन्हें चीन बॉर्डर पर तैनात करना चाहता है।

– M 777 होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) दुनिया में अमेरिका के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के अलावा केवल भारत के पास है |

– अगस्त 2013 में अमेरिका ने हॉवित्जर का नया वर्जन देने की पेशकश की। इनकी कीमत 885 मिलियन डॉलर थी ।

– मई 2015 में भारत ने अमेरिका से इन तोपों को देने की गुजारिश की। लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजा गया।

– दूसरी तोपों के मुकाबले होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) तोपें हलकी हैं। इन तोपों को एक जगह से दूसरी जगह बिल्कुल साधारण तरीके से पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा इनके संचालन में भी आसानी होती है।

– होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) तोपों को बनाने में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुट सटीक तरीके से टारगेट को निशाने पर ले सकती है।

– M777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) का वजन सिर्फ 4,200 किलोग्राम है। जबकि इंडियन आर्मी जिन बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल कर रही है उनमें हर एक का वजह 13,100 किलोग्राम है।

– वजन और मारक क्षमता के लिहाज से M777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) दुनिया की सबसे कारगर तोप मानी जाती है। यही वजह है कि अमेरिका ने इसे सिर्फ कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के बाद इसे भारत को बेचने का फैसला किया है।

– M777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) 20 से 50 किलोमीटर के टारगेट को आसानी और पूरी सटीकता से हिट कर सकती है। इसे टारगेट के एल्टीट्यूड (ऊंचाई) के हिसाब से फिक्स किया जा सकता है।

– 1980 के बाद से इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में कोई नई तोप शामिल नहीं की गई। बोफोर्स डील में हुए विवाद के बाद ये हालात बने। अब M777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) इस कमी को पूरा करने को तैयार हैं |

– M777  होइटसर (howitzer या हॉवित्जर) के साथ 500 करोड़ रुपए के सेल्फ प्रोपेल्ड गन का मसौदा तैयार है। इसे एलएंडटी और सैमसंग टैकविन बनाएगी।

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Shivesh Pratap

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