डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर सुविचार | Dr. B. R. Ambedkar Quotes in Hindi
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है|जो आज के लोगो में होना असंभव है वे एक दलित राजनीतिक नेता, न्यायशास्त्री, अर्थशास्त्री और सामाजिक सुधारक होने के साथ-साथ भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार भी थे। आइये जानते है बाबा साहेब के सुविचार…
सन 1990 में मरणोपरांत डॉ अंबेडकर को सम्मान देते हुए भारत रत्न से सम्मानित किया गया है जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
- “आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता,समानता, और भाई -चारे को स्थापित करते हैंऔर उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।”
- “इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशाश्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशाश्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।”
-
“उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।”
- “एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।”
- “एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।”
-
“क़ानून और व्यवस्था राजनीति रूपी शरीर की दवा है और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार पड़ जाएँ तो दवाअवश्य दी जानी चाहिए।”
- “जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते, क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी काम की नहीं ।”
- “जिस प्रकार हर एक व्यक्ति यह सिद्धांत दोहराता हैं कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता, उसी तरह उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।”
-
“ज्ञान का विकास ही मनुष्य का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए ।”
- “पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के समान होना चाहिए ।”
- “मनुष्य का जीवन महान होना चाहिए ना कि लंबा।”
- “मैं उस धर्म को पसंद करता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का भाव सिखाता हैं।”
-
“मैं किसी समुदाय की प्रगति, महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है, उससे मापता हूँ।”
- “यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।”
- “यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।”
- “राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी हैं।”
-
“लोग और उनके धर्म, सामाजिक नैतिकता के आधार पर, सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए। अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।”
- “समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।”
- “समुद्र में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूँद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है वहां अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है वह सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है।”
- “हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।”
- “हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है? हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था, जो असमानता, भेद-भाव औरअन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है, को सुधार सकें।
-
“हिंदू धर्म में विवेक, कारण, और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।”
- “एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है क्योंकि वहसमाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।”
- “जिस तरह मनुष्य नश्वर है ठीक उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। जिस तरह पौधे को पानी की जरूरत पड़ती है उसी तरह एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरुरत होती है वरना दोनों मुरझा कर मर जाते है।
Dr. B. R. Ambedkar
sir bitcoin ke bare me aur information dijiyega.