शादी न करने के फायदे और नुकसान
भारत एक ऐसा देश है जहां विवाह को एक धार्मिक कार्य माना जाता है एवं परम उद्देश्य की प्राप्ति के लिए चार पुरुषार्थों में “काम” यानि भौतिक सुख को धर्म और मोक्ष के समानांतर ही रखा गया है | भारत जैसे सांस्कृतिक रुप से समृद्ध देश में जहां पर की हर कार्य में पति के साथ पत्नी भी पूज्य है जैसे कि सीताराम, गौरीशंकर और गौरी गणेश, ऐसी दशा में यह समझाना अतिशयोक्ति होगी कि विवाह भारत में कितना महत्वपूर्ण है|
परंतु यदि हम दुनिया के अन्य देशों जैसे कि जर्मनी, एस्टोनिया के बारे में बात करें तो वहां का सामाजिक ढांचा ऐसा है कि लोग अपना जीवन बिना विवाह के ही बिताते हैं और वृद्धावस्था में जाकर सरकार द्वारा दिए गए ओल्ड एज होम में अपना जीवन बिता देते हैं।
चुकी पश्चिमी संस्कृति से भारत अछूता नहीं है बल्कि भारत का समाज तेजी से पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति को आत्मसात करता जा रहा है और ऐसी दशा में आज के समय में विवाह भी एक ऐसा विमर्श है जहां पर हमारे समाज के बहुत सारे लोग इसकी प्रासंगिकता पर प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं और बहुत हद तक इसकी लाभ और हानियों का विमर्श भी बढ़ता जा रहा है|
एक और जहां अपने भारत के सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखें तो विवाह के बहुत सारे लाभ भी हैं परंतु साथ ही साथ यदि हम पश्चिम के दृष्टिकोण से विचार करें तो विवाह न करने के फायदे भी मिलेंगे जिस पर आज हम विचार करेंगे….
परिवार की जिम्मेदारी से मुक्ति:
आज के समाज में एक और जहां बहुत तेजी से आबादी बढ़ रही है तो लाजमी सी बात है कि समाज में पैसे कमाने और स्वयं को स्थापित करने की प्रतिस्पर्धा भी बहुत ही तेजी से बढ़ रही है ऐसी दशा में विवाह करना और उसके बाद पत्नी एवं बच्चों का भी उत्तरदायित्व निर्वहन करना अपने आप में एक चुनौती बनती चली जा रही है
विवाह न करने की दिशा में यह पहला लाभ है कि किसी भी कुंवारे स्त्री या पुरुष के लिए किसी भी पारिवारिक उत्तरदायित्व के निर्वहन से मुक्ति मिल जाती है और उसे केवल अपने जीवन का ही निर्वहन करना रहता है
बच्चों के पालन पोषण से मुक्ति:
जैसे जैसे समाज और जटिलता की तरफ बढ़ रहा है कहीं ना कहीं बच्चों के अच्छे लालन-पालन शिक्षा दीक्षा से लेकर उन को आत्मनिर्भर बनाने तक की पूरी जिम्मेदारी परिवार के रूप में एक स्त्री या पुरुष पर ही होती है।
यदि संतान असफल हो जाती है तो कहीं ना कहीं इसकी भी जिम्मेदारी माता पिता के रूप में स्त्री या पुरुष पर आ जाती है और इसी के साथ आज के समय में बच्चों में बढ़ती नशाखोरी और तमाम असामाजिक कृतियों के कारण कहीं ना कहीं अप्रत्यक्ष रूप से इसकी जिम्मेदारी भी माता-पिता पर आ जाती है तो ऐसी दशा में शादी न करने का एक फायदा यह भी है कि ऐसे किसी संतान के लालन पालन या शिक्षा-दीक्षा पर ना ही आपको पैसे खर्च करना है ना ही उसकी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है
आर्थिक बोझ से मुक्ति:
भारतीय समाज में जहां की पत्नी एक गृहणी के रूप में परिवार का सदस्य होती है वहां विवाह करने के बाद वास्तव वास्तव में स्वयं के साथ-साथ पत्नी के भी जीवन का बोझ वाहन करना पड़ता है और ऐसी दशा में कहीं ना कहीं किसी भी स्त्री या पुरुष के ऊपर उसके पति या पत्नी का भी आर्थिक बोझ होता है और विवाह के बाद संतान उत्पत्ति की संभावना तो होती ही है और इस दशा में आर्थिक जिम्मेदारियां वास्तव में कई गुना बढ़ जाती हैं
सेक्स की स्वच्छंदता:
भारत जैसे एक रूढ़िवादी समाज में जहां सेक्स वास्तव में पति पत्नी के बीच एक चरित्र आधारित संबंध है वहीं पश्चिमी देशों में सेक्स एक चरित्र आधारित अंतर संबंध नहीं है और स्वछन्द प्रवृत्ति है।
पश्चिमी संसार सेक्स के मामले में बेहद स्वच्छंद है और वहां पर कोई भी स्त्री या पुरुष विवाहेतर सेक्स संबंधों से परहेज नहीं करता ।
विवाह न करने की दशा में किसी भी स्त्री या पुरुष के लिए एक लाभ यह जरूर है कि वह सेक्स के मामले में स्वछंद हो सकता है और सावधानीपूर्वक कई लोगों के साथ सेक्स संबंध स्थापित कर सकता है जबकि विवाह के बाद ऐसा संभव नहीं है|
सैर कर दुनिया की गाफिल:
विवाह के बाद व्यक्ति को ना चाहते हुए भी एक परिवार की इकाई स्थापित करनी ही पड़ती है और ऐसी दशा में कभी पत्नी तो कभी बच्चों की जिम्मेदारियों के कारण कोई पूरी तरह से आजाद नहीं रहता|
परंतु विवाह न करने की दशा में व्यक्ति किसी भी शहर में किसी भी देश में रह सकता है घूम सकता है और स्वयं को स्वच्छंद रख सकता है|
मानसिक तनाव से मुक्ति:
विवाह के बाद स्त्री पुरुष के बीच मानसिक मनमुटाव छोटे-मोटे झगड़े से लेकर एक दूसरे के बीच में अविश्वास तथा बड़े होते बच्चों की समस्याएं उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे तमाम ऐसे बिंदु हैं जो कहीं ना कहीं मनुष्य के लिए एक तनाव आधारित तथ्य है |
शादी न करने वाले व्यक्ति के साथ एक लाभ यह भी है कि वह इन सभी तरह के तनाव से मुक्त होता है|
जीवन होगा अधिक साधन सम्पन्न:
एक स्त्री या पुरुष से विवाह न करें उसके साथ सबसे अच्छी बात है कि उसके द्वारा कमाया गया सारा पैसा वह अपनी निजी जरूरतों पर ही खर्च करेगा और इस तरह कहीं ना कहीं ऐसे स्त्री या पुरुष का जीवन अधिक साधन संपन्न होता है क्योंकि उनके पास खर्च करने के लिए कोई और पत्नी या बच्चे नहीं होते हैं|
बड़े घर की जरूरत से मुक्ति:
पश्चिमी समाज के साथ-साथ भारतीय समाज में भी एक घर का निर्माण एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात होती है |
एक ओर जहां 4 सदस्यों की एक परिवार के लिए तीन कमरों के एक घर की जरूरत होती है वही विवाह न करने वाले व्यक्ति के लिए एक स्टूडियो अपार्टमेंट ही काफी होता है |
ऐसी दशा में विवाह न करने वाले व्यक्ति के लिए किसी स्टूडियो अपार्टमेंट में ही जीवन को बेहतर ढंग से बिताना ज्यादा अच्छा होगा|
शादी के फायदे भी हैं…..
विवाह न करने के फायदे के साथ-साथ हमें यह भी जानना चाहिए कि नुकसान क्या है।
दोस्त और जीवन साथी का बुनियादी अंतर:
वास्तव में दोस्त और जीवनसाथी में बुनियादी अंतर होता है | एक दोस्त आपकी शारीरिक आवस्यकताओं को पूरा कर सकता है लेकिन वह आपकी मानसिक आवष्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता।
एक व्यक्ति के जीवन की प्रारंभिक अवस्था यानी जवानी के समय में सामान्य रूप से व्यक्ति अपनी सेक्स से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति को ही जीवनसाथी से संबंधित आवश्यकता मान बैठता है जो की गलत है |
सामाजिक सम्मान:
भारतीय समाज में एक अविवाहित स्त्री या पुरुष को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है इसके पीछे कई कारण हैं जैसे कि एक अविवाहित स्त्री या पुरुष चुकी भारतीय समाज में स्वतंत्रता से सेक्स की आवश्यकताओं को नहीं पूरा कर सकता इस कारण से कहीं ना कहीं समाज में ऐसे लोगों को असुरक्षित माना जाता है।
भारत जैसे देश में एक अविवाहित स्त्री को धार्मिक रूप से भी स्वीकार नहीं किया जाता है इसी कारण किसी भी दशा में एक स्त्री को अविवाहित नहीं रहने दिया जाता है यहां तक की भारतीय परंपरा में स्त्रियों को संन्यास लेने की भी कोई परंपरा नहीं है।
परिवार की शक्ति:
जवानी के दिनों में किसी भी स्त्री या पुरुष के पास ढेर सारे दोस्त होते हैं इसलिए उसे वास्तव में किसी पार्टनर की आवश्यकता नहीं महसूस होती परंतु जैसे-जैसे समाज में लोग विवो वैवाहिक संबंधों में बांधते जाते हैं वह अपनी पारिवारिक गतिविधियों में लुप्त होते चले जाते हैं और ऐसी दशा में जो व्यक्ति अविवाहित रह जाता है वह स्वयं को नितांत अकेला महसूस करने लगता है और उसके पास कोई ऐसा नहीं रहता जिससे वह अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं के साथ-साथ अपने सुख दुख को बांट सके|
परिवार एक ऐसी इकाई है जो वास्तव में आपके सामाजिक सुरक्षा की स्थाई गारंटी है व्यक्ति के एक इतने लंबे जीवन में जीवन के शुरुआती चरण में यदि कोई दुर्घटना बीमारी या समस्या आती है तो कहीं ना कहीं स्त्री या पुरुष के पति या पत्नी के द्वारा उसको पूर्ण सहयोग मिलता है और कुछ सालों के बाद बच्चों के बड़े हो जाने पर किसी भी स्त्री-पुरुष को अपने बच्चों के द्वारा सहयोग मिलने लगता है ऐसी दशा में कहीं ना कहीं एक परिवार का निर्माण आपके सामाजिक सुरक्षा की गारंटी है|
Bahut hi badhiya post likha hai aapne humne to shaadi karli par sach me jo life bachler ki hoti hai wo ab nahi rahi hum khulkar kuch bhi nahi kar paate hai.
I’m so confused ….ghar wale chahte h ki mai sadi kr lu but sach batau to mai asa bilkul nhi chahti …mujhe sadi krne k vichar door door tk nhi ata mai 🥺
Mai bhi shadi nahi karuga bahut bekar cheej hoti hai. Meri mani har larke aur larke ko shadi nahi karni chahiye.