राष्ट्र गौरव को अपनी पहचान बनायें

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किसी भी राष्ट्र का भूगोल उस राष्ट्र के संस्कार और संस्कृति को दर्शाते हैं …………..भारत नदियों का, पुण्य सलिला गंगा का देश है इसलिए स्नान हमारा एक पर्व ही है और मरुस्थलों में रहने वालों का धर्म स्नान पर्व नहीं मनाता ……..

भारत वनों का देश है कंदमूल फल का देश है इसलिए हम फलाहार करते हैं …………. भारत हरियाली का देश है इसलिए हम शाकाहारी हैं………हमारा धर्म हमें जानवर खाने की अनुमति नहीं देता ………..

अन्टार्कटिका में रहने वाला ६ महीने की रात और दिन बिता कर भी अपने देश पर गर्व करता है ……… एक एस्किमो आग जलाकर पानी पीता है फिर भी अपने देश से प्रेम करता है ……………… एक यायावर अपने देश में सहारा के रेगिस्तान में भी जीकर नाज़ करता है ………………….
फिर क्या कमी है अपने भारत माता में ?????

अपने देश की महानता को च्विंगम की तरह चबाकर थूकें नहीं अपितु रगों में दौड़ते खून के लिए धन्यवाद करें भारत माँ का …..कितना हास्यास्पद है की हमारे देश का सिनेमा जगत अपने स्वर्ग से सुन्दर देश को छोड़ अकाऊ- मकाऊ में जाकर अपने कार्यक्रम करता है ………

अमेरिका का न्युयार्क भारत के युवाओं के अन्तः वस्त्रों और टोपियों पर “NY” के रूप में भले ही विराजमान हो परन्तु अपने देश के कितने न्यूयोर्क और नियाग्रा प्रपातों को हम नहीं जानते हैं ……….

उपरोक्त चित्र केरल का स्वर्ग कहे जाने वाले अथिरापल्ली का है …….कृपया इसे नियाग्रा फाल समझ इसका अपमान नहीं करें |राष्ट्र गौरव को अपनी पहचान बनायें

shiv10

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Shivesh Pratap

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