तुलसी के 25 फायदे एवं उपयोग | 25 Benefits and Use of Basil in Hindi

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तुलसी के 25 फायदे एवं उपयोग
25 Benefits and Use of Basil in Hindi

तुलसी एक पवित्र पौधा है जो हर घर-घर में पाया जाता है| हिंदू परिवारों में Basil की पूजा की जाती है| जिससे सुख और कल्याण के तौर पर देखा जाता है लेकिन पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है|

वानस्पतिक नाम: ओसिमम बेसिलिकम

अंग्रेजी नाम: Basil

सांस्कृत नाम: तुलसी, तुगी

परिवार: लामिफसिएई

वाणिज्यिक अंग: पत्ते, बीज 

तुलसी का परिचय:

  • तुलसी, फ्रेंच तुलसी या मीठी तुलसी के नाम से भी जानी जाती है और Basil भारतीय देशज है |
  • Basil एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा है। यह झाड़ी के रूप में उगता है और 2 से 3 फुट ऊँचा होता है।

  • इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं।पत्तियाँ 1 से 2 इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं।
  • पुष्प मंजरी अति कोमल एवं 8-9 इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती है|
  • पौधे मुख्य रूप से वर्षा ऋतु में उगते है और शीतकाल में फूलते हैं।

तुलसी की प्रजातियाँ:

  • भारतीय तुलसी
  • अमेरिकन तुलसी (काली तुलसी)
  • फ्रेंच तुलसी
  • ईजिप्तीय तुलसी

तुलसी का उपयोग:

  • तुलसी का पौधा हिंदू धर्ममें पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आँगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं।

  • भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है।
  • Basil के सूखे पत्तों व कच्चे चतुर्भुज तनों को, सुगंध प्रदान करने केलिए मसालों के रूप में तथा वाष्पशील तेल के निचोड केलिए उपयोग किया जाता है|
  • सुगन्धवर्ध्दक मिश्रणों में मीठी तुलसी के तेल का व्यापक उपयोग होता है। औषधियाँ बनाने के क्षेत्र में तथा कीटनाशी व जीवाणुनाशी के रूप में भी इसका उपयोग है।

तुलसी का माला:

  • तुलसी माला 108 गुरियों की होती है। एक गुरिया अतिरिक्त माला के जोड़ पर होती है|
  • #तुलसी माला धारण करने से ह्रदय को शांति मिलती है।

  • तुलसी के माला का प्रयोग पूजा करने में किया जाता है|

तुलसी के फायदे:

  • Basil दमा और टीबी रोग में बहुत लाभकारी है| रोज़ाना तुलसी खाने से दमा और टीबी नहीं होता है |

  • शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है|

ग्रंथ चरक संहिता में तुलसी के गुणों का वर्णन:

हिक्काल विषश्वास पार्श्व शूल विनाशिनः।
पितकृतात्कफवातघ्र सुरसः पूर्ति गंधहा।।

अर्थात् तुलसी हिचकी, खांसी, विष विकार, पसली के दाह को मिटाने वाली होती है। इससे पित्त की वृद्धि और दूषित कफ तथा वायु का शमन होता है। भाव प्रकाश में तुलसी को रोगनाशक, हृदयोष्णा, दाहिपितकृत शक्तियों के सम्बन्ध में लिखा है।

तुलसी कटुका तिक्ता हृदयोष्णा दाहिपितकृत।
दीपना कष्टकृच्छ् स्त्रार्श्व रुककफवातेजित।।

अर्थात् तुलसी कटु, तिक्त, हृदय के लिए हितकर, त्वचा के रोगों में लाभदायक, पाचन शक्ति को बढ़ाने वाली मूत्रकृच्छ के कष्ट को मिटाने वाली होती है। यह कफ और वात सम्बन्धी विकारों को ठीक करती है।

  • Basil अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष् और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है ।
  • Basil की 11 पत्तियों का 4 खड़ी काली मिर्च के साथ सेवन करने से, मलेरिया और टाइफाइड को ठीक किया जा सकता है|

  • तुलसी के पत्तों का लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे में निखार आता है।
  • Basil की जड़ को पीसकर, सोंठ मिलाकर जल के साथ रोज़ सुबह-सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है|
  • तुलसी का काढ़ा पीने से माइग्रेन और साइनस में आराम मिलता है|
  • श्यामा तुलसी के पत्तों का दो-दो बूंद रस 14 दिनों तक आंखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाती है|

  • गठिया के दर्द में Basil की जड़, पत्ती, डंठल, फल और बीज को मिलाकर उसका चूर्ण बनाएं| इसमें पुराना गुड़ मिलाकर 12-12 ग्राम की गोलियां बना लें सुबह-शाम गाय या बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गठिया व जोड़ों के दर्द में लाभ होता है|
  •  दो चम्मच Basil रस, एक कप मूली रस, गुड़ के साथ मिलाकर पीने से पीलिया रोग में राहत मिलती हैं|
  • किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाए गए जूस को शहद के साथ 6 महीनों तक रोज़ाना पीने से पथरी खत्म होकर बाहर निकल जाती है|

  • पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर Basil के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है| इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है|
  • तुलसी रक्त अल्पता के लिए रामबाण दवा है। नियमित सेवन से हीमोग्लोबीन तेजी से बढ़ता है, स्फूर्ति बनी रहती है।
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Shweta Pratap

I am a defense geek

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