कलौंजी क्या है? कलौंजी के फायदे
Kalonji Kise Kahate Hain, Kalonji Ke Fayde
वानस्पतिक नाम: निजेला सेटाइवा
संस्कृत नाम: कृष्णजीरा
कलौंजी रनुनकुलेसी कुल : झाड़ीय पौधा
वाणिज्यिक अंग: फल
कलौंजी का परिचय:
- कलौंजी रनुनकुलेसी कुल का झाड़ीय पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम निजेला सेटाइवा है| जो लैटिन शब्द नीजर ( काला) से बना है|
- Kalonji भारत सहित दक्षिण पश्चिमी एशियाई भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों और उत्तरी अफ्रीकाई देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है |
- कलौंजी का पौधा 20-30 सें. मी. लंबा होता है। इसके लंबी पतली-पतली विभाजित पत्तियां होती हैं और 5-10 कोमल सफेद या हल्की नीली पंखुड़ियों व लंबे डंठल वाला फूल होता है।
- इसका फल बड़ा व गेंद के आकार का होता है जिसमें काले रंग के, लगभग तिकोने आकार के, 3 मि.मी. तक लंबे, खुरदरी सतह वाले बीजों से भरे 3-7 प्रकोष्ठ होते है|
- इसमें 35% कार्बोहाइड्रेट, 21% प्रोटीन, 35-38% वसा, वसीय अम्ल 58% ओमेगा-6, 0.2% ओमेगा-3, 24% ओमेगा-9, 1.5% जादुई उड़नशील तेल होते है|
कलौंजी का उपयोग:
- इसका प्रयोग औषधि, सौन्दर्य प्रसाधन, मसाले तथा खुशबू के लिए पकवानों में किया जाता है।
- कलौंजी भारतीय पकवानों में मसालो के रूप में प्रयोग जादा होता है|
- इसका स्वाद हल्का कड़वा व तीखा और गंध तेज होती है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों नान, ब्रेड, केक और आचारों में किया जाता है|
कलौंजी के फायदे:
टाइप-2 डायबिटीज:
प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।
कैंसर का रोग:
2012 में इजिप्ट में हुए एक शोध के अनुसार शहद और कलौंजी के तेल में ट्यूमर रोधी तत्व मौजूद हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोकने में सक्षम है।
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर):
ब्लडप्रेशर में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
28 मिलीलीटर जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मालिश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।
पोलियों का रोग:
आधे कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद व आधे चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लें। इससे पोलियों का रोग ठीक होता है।
कलौंजी के अन्य फायदे :
कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा दूर होती है।
सिरके में कलौंजी को पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर लगाएं और सुबह पानी से चेहरे को साफ करने से मुंहासे कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं।
कलौंजी को रीठा के पत्तों के साथ काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग समाप्त होता है।
एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक व मानसिक तनाव दूर होता है।
यदि रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें।
चीनी 5 ग्राम, सोनामुखी 4 ग्राम, 1 गिलास हल्का गर्म दूध और आधा चम्मच कलौंजी का तेल। इन सभी को एक साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से कब्ज नष्ट होती है।
आधा चम्मच कलौंजी का तेल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से उल्टी बंद होती है।
रात में सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।
50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से बालों को धोएं। इससे बाल लम्बे व घने होते हैं।
कलौंजी पीसकर लेप करने से हाथ पैरों की सूजन दूर होती है।
कलौंजी को आधे से 1 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से स्तनों में दुध बढ़ता है।
बेरी-बेरी रोग में कलौंजी को पीसकर हाथ-पैरों की सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है।