आईए जानें ओमेगा-3 फैटी एसिड के अनेक कार्यों और फायदों के बारे में

Spread the love! Please share!!

ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार की वसा है। यह शरीर में हार्मोन्स के निर्माण के साथ शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है।

आईए जानें ओमेगा-3 फैटी एसिड के अनेक कार्यों और फायदों के बारे में।

omega-3-fatty-acids1

शाकाहारी और मांसाहारी दोनों स्रोतों से हमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है। यह अखरोट जैसे सूखे मेवों, मूंगफली, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे फलों में काफी मात्रा में पाया जाता है। टय़ूना, सामन, हिलसा, सार्डिन जैसी मछलियां, शैवाल, झींगा जैसे सी-फूड ओमेगा-3 के ईपीए और डीएचए प्रकार के अच्छे स्त्रोत हैं। इसके अलावा गाय का दूध, मूंगफली, अंडे का सेवन भी फायदेमंद है।

कैसे खाएं

3omega3_750

एक स्वस्थ व्यक्ति को वजन के हिसाब से ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए। डाइटीशियन या डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि अधिक फैट लेने से यह मोटापे का कारण बनता है। फ्लैक्स जैसे बीज पीस कर पाउडर बनाएं और इसका एक-डेढ़ चम्मच सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं, लाभ होगा। इन पिसे बीजों को सलाद के ऊपर छिड़क कर या दही-रायते में मिला कर भी खा सकते हैं। ओमेगा-3 युक्त ऑयल में खाना बनाने से इसकी आपूर्ति स्वत: ही हो जाती है। जहां तक सी-फूड का सवाल है, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिकों ने सप्ताह में 2-3 सर्विग लेना बेहतर माना है।

एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में ओमेगा-3 फैटी एसिड की 4 ग्राम खुराक ले सकता है। चाइल्ड हेल्थ फाउंडेशन ने बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए रोजाना औसतन 2 ग्राम ओमेगा-3 का सेवन करने की सिफारिश की है। बीमार लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।

कमी से होने वाले रोग

पर्याप्त मात्रा में सेवन के बावजूद कई बार पाचन तंत्र में गड़बड़ी से चयापचय या अवशोषण में कमी होने के कारण ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी का जोखिम बढ़ जाता है। इसकी कमी से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, उच्च कॉलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, सूजन, आंत्र रोग, अल्जाइमर जैसे रोग हो सकते हैं। अनुसंधानों से साबित हो चुका है कि आहार में ओमेगा-3 की कमी से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

ओमेगा 3 को जानें

omega-3-masne-kiseline-u-prehrani

यह एक तरह का पॉली अनसेचुरेटेड फैटी एसिड है, जिसे हम अपने आहार से ही प्राप्त कर सकते हैं। हमारे भोजन में ओमेगा-3 तीन तरह का होता है।

अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए)- प्लांट्स या पेड़-पौधों से मिलने वाला ऑयल है।
आईकोसेपेंटानॉइक एसिड (ईपीए)- सी फूड या समुद्री जीव-जंतुओं से मिलने वाला ऑयल है।
डोकोसेहेक्सानॉइक एसिड (डीएचए)- यह सी फूड या समुद्री जीव-जंतुओं से मिलने वाला ऑयल होता है।

ओमेगा-3 है बहुत फायदेमंद

– ओमेगा-3 के नियमित सेवन से रक्त में वसा या ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम रहता है।
– नियमित सेवन से आथ्र्राइटिस से शरीर में सूजन पैदा करने वाले तत्वों का प्रभाव कम होता है। जोडमें में दर्द, पीठ दर्द, रुमैठी गठिया, जकडन में आराम मिलता है।
– बच्चों के नर्वस सिस्टम, मानसिक और शारीरिक विकास में फायदेमंद है ओमेगा 3। बच्चों की लर्निग पावर को बूस्ट करता है और उनके मानसिक कौशल में सुधार करता है।

अधिक सेवन है नुकसानदेह

लगातार ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त आहार लेने से यूं तो स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन अतिरिक्त वसा शरीर की कोशिकाओं में जमा होने लगती है और वजन बढ़ाती है। ध्यान न देने पर भविष्य में यह उच्च रक्तचाप, हृदय घात, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बन सकता है।

Facebook Comments

Spread the love! Please share!!
Shivesh Pratap

Hello, My name is Shivesh Pratap. I am an Author, IIM Calcutta Alumnus, Management Consultant & Literature Enthusiast. The aim of my website ShiveshPratap.com is to spread the positivity among people by the good ideas, motivational thoughts, Sanskrit shlokas. Hope you love to visit this website!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is the copyright of Shivesh Pratap.